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रूस ने कहा, पाकिस्तान के साथ बढ़ रहे संबंधों को लेकर चिंतित ना हो भारत

रूस ने कहा है कि वह दूसरे देशों की संवेदनशीलता का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए उसे नहीं लगता कि भारत को चिंतित होना चाहिए। पाकिस्तान के साथ किया गया अभ्यास आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन का हिस्सा था।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 01:42 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 02:52 PM (IST)
रूस ने कहा, पाकिस्तान के साथ बढ़ रहे संबंधों को लेकर चिंतित ना हो भारत
रूस दूसरे देशों की संवेदनशीलता का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है

नई दिल्ली, एएनआइ। रूस ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ उसके बढ़ रहे संबंधों को लेकर भारत को चिंतित नहीं होना चाहिए। रूस की तरफ से यह प्रतिक्रिया उस सवाल के जवाब में आई है जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या भारत को पाक के साथ रूस के बढ़ते संबंधों के बारे में चिंतित होना चाहिए? इसके जवाब में कहा गया, 'हमें नहीं लगता कि भारत को चिंतित होना चाहिए। रूस दूसरे देशों की संवेदनशीलता का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पाकिस्तान के साथ किया गया अभ्यास आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन का हिस्सा था।' भारत में रूस के राजदूत निकोले युदाशेव ने एक कांफ्रेंस के दौरान ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा, 'भारत और चीन के लिए रूस एक विश्वसनीय भागीदार है। हमें लगता है कि दो पड़ोसी एशियाइ दिग्गज देशों के बीच सहयोग के लिए सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। इसमें एससीओ, ब्रिक्स और आरआइसी के मंच शामिल हैं।'

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वहीं, भारत में रूसी राजदूत निकोले आर कुदाशेव ने रूसी S-400 मिसाइलों की खरीद के लिए तुर्की पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर बात की। उन्होंने कहा, 'हम अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए एकपक्षीय प्रतिबंधों का स्वागत नहीं करते हैं। भारत की स्थिति को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।' बता दें कि S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भारत और चीन समेत पांच देशों ने खरीदा है, जिसमें तुर्की भी शामिल है। अमेरिका ने इसे अपने लिए बड़ा खतरा बताया है। ट्रंप प्रशासन की ओर से इस मिसाइल सिस्‍टम की खरीद करने वाले तुर्की के ऊपर भारी भरकम आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।

इसके अलावा, अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के संबंध में भारत और रूस के बीच सहयोग पर रूस ने कहा, 'हम अफगानिस्तान के साथ करीबी रूप से बातचीत कर रहे हैं। हमारे पास उसी के लिए मॉस्को मंच है। फिर, हमारे पास निश्चित रूप से अफगानिस्तान पर भारत के साथ द्विपक्षीय परामर्श हैं।'


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