अमेरिका की घुड़की, देवयानी के खिलाफ जारी हो सकता है वारंट
भारतीय महिला राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को लेकर भारत और अमेरिका के बीच चल रहा कूटनीतिक खींचतान का खेल एक-एक की बराबरी पर छूटता दिख रहा है। अमेरिका के देवयानी को हटाए जाने की मांग रखने के बाद भारत ने उन्हें नई दिल्ली स्थानांतरित कर वहां से निकाल लिया है। वहीं समान कार्रवाई करते हुए अमेरिकी दूतावास
नई दिल्ली। भारतीय महिला राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को लेकर भारत और अमेरिका के बीच चल रहा कूटनीतिक खींचतान का खेल एक-एक की बराबरी पर छूटता दिख रहा है। अमेरिका के देवयानी को हटाए जाने की मांग रखने के बाद भारत ने उन्हें नई दिल्ली स्थानांतरित कर वहां से निकाल लिया है। वहीं समान कार्रवाई करते हुए अमेरिकी दूतावास से भी देवयानी मामले में सक्रिय भूमिका के लिए संदिग्ध एक समकक्ष अधिकारी को हटाने को कहा गया है। इसके लिए अमेरिकी दूतावास को 48 घंटे से कुछ अधिक का वक्त दिया गया है। इस बीच, अमेरिका ने कहा है कि राजनयिक को कोई राजनयिक संरक्षण प्राप्त नहीं है और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी किया जा सकता है।
कथित वीजा धोखाधड़ी मामले में 13 जनवरी को होने वाली सुनवाई से पहले राजनयिक विशेषाधिकार हासिल कर रवाना हुई देवयानी शुक्रवार देर शाम दिल्ली पहुंची। इससे पहले न्यूयॉर्क की एक ग्रैंडज्च्यूरी ने देवयानी पर वीजा धोखाधड़ी और गलतबयानी करने के मामले में आरोप तय कर दिए। अमेरिकी सरकार ने संयुक्त राष्ट्र मिशन में तैनाती की गई देवयानी को 8 जनवरी को पूर्ण राजनयिक विशेषाधिकार वाला जी-1 वीजा दे दिया था। लेकिन साथ ही 9 जनवरी को अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत से देवयानी को विशेषाधिकार के दायरे से बाहर करने का भी आग्रह किया था, जिसे भारत ने ठुकरा दिया। इसके बाद अमेरिका द्वारा देवयानी को हटाए जाने की मांग के बाद विदेश मंत्रालय ने 1999 बैच की भारतीय विदेश सेवा अधिकारी को नई दिल्ली स्थानांतरित कर दिया।
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जवाबी प्रतिक्रिया के तहत विदेश मंत्रलय ने भी शुक्रवार को अमेरिकी राजदूत को तलब कर दूतावास में तैनात एक अधिकारी को हटाने के लिए कहा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत के पास यह मानने का आधार है कि उक्त अधिकारी ने देवयानी मामले में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसकी परिणति भारतीय अधिकारी के खिलाफ एकतरफा अमेरिकी कार्रवाई की शक्ल में हुई। भारतीय खेमे का आरोप है कि देवयानी पर आरोप लगाने वाली घरेलू नौकरानी के परिजनों को दूतावास अधिकारियों की मदद से भारत से निकाल अमेरिका भेजा गया।
भारतीय खेमे के मुताबिक देवयानी बतौर राजनयिक सरकारी काम से अमेरिका यात्रा भी कर सकेंगी। हालांकि, छुट्टी या निजी हैसियत से अमेरिका यात्रा करने पर उनकी गिरफ्तारी का खतरा बरकरार रहेगा।
इस बीच, भारतीय राजनयिक के खिलाफ अमेरिकी अभियोजक प्रीत भरारा ने जिला न्यायाधीश शीरा शींडलिन को लिखे पत्र में कहा कि 39 वर्षीय खोबरागड़े के खिलाफ आरोप बने रहेंगे और यदि वह राजनयिक छूट के बिना अमेरिका आती हैं तो उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
भरारा ने कहा कि ग्रैंज् च्यूरी ने राजनयिक पर उनकी नौकरानी संगीता रिचर्ड को लेकर वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के लिए दो मामलों में अभियोग लगाया है। भरारा के मुताबिक प्रतिवादी देवयानी को हाल में राजनयिक छूट मिली है। लिहाजा आरोप तब तक बने रहेंगे, जब तक वह अदालत में आकर इन आरोपों का सामना नहीं करतीं। फिर चाहे वह ऐसा राजनयिक छूट हटने के बाद करें या बिना छूट के अमेरिका लौटें। इस समय और अदालत के समक्ष उनके पेश होने के समय के बीच जो अंतर होगा, उसे स्वत: ही छोड़कर चला जाएगा। ऐसा अमेरिका के तीव्र सुनवाई कानून के तहत होगा।
देवयानी को घरेलू नौकरानी के वीजा आवेदन में झूठी घोषणाएं करने के आरोप में 12 दिसंबर को न सिर्फ गिरफ्तार किया गया बल्कि कपड़े उतारकर तलाशी ली गई थी। बाद में उन्हें 2.5 लाख डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया था।
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