एनजीओ मामले में भारत का अमेरिका को करारा जबाव
एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई के मामले में भारत ने अमेरिका को दो-टूक कह दिया है कि कानून का पालन सभी को करना ही होगा। धन के दुरुपयोग को लेकर ग्रीन पीस और फोर्ड फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई के बाद अमेरिका भारत पर नरमी बरतने के लिए दबाव बना रहा है।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई के मामले में भारत ने अमेरिका को दो-टूक कह दिया है कि कानून का पालन सभी को करना ही होगा। धन के दुरुपयोग को लेकर ग्रीन पीस और फोर्ड फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई के बाद अमेरिका भारत पर नरमी बरतने के लिए दबाव बना रहा है। नियमों के अनुपालन नहीं करने के आरोप में भारत लगभग 9000 एनजीओ की पंजीकरण रद्द कर चुका है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ग्रीन पीस के खातों के निलंबन और फोर्ड फाउंडेशन की सहायता को निगरानी सूची में डालने के बाद अमेरिका की ओर से नरमी बरतने के लिए दबाव डाला जा रहा है। इस संबंध में भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड राहुल वर्मा गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर चुके हैं। वहीं अमेरिका में भारतीय राजदूत अरुण कुमार सिंह को भी अमेरिकी एतराज से अवगत कराया गया था।
पिछले दिनों अरुण कुमार सिंह ने गृह सचिव एलसी गोयल से मुलाकात कर अमेरिका की चिंता से अवगत कराया था। लेकिन गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि अमेरिका दानदाताओं और एनजीओ को भारत में काम करने के लिए यहां के नियमों का पालन करना होगा। नियमों के दायरे में रहने वाले एनजीओ या दानदाताओं को काम करने की पूरी आजादी होगी।
अमेरिका को यह बता दिया गया है कि ग्रीनपीस के बैंक खातों को निलंबित करने के पीछे उससे मिलने वाले अनुदान की राशि का दुरूपयोग है। इसका उपयोग विकास विरोधी गतिविधियों के लिए किये जाने के ठोस सबूत मिले हैं। वहीं फोर्ड फाउंडेशन पर लाभ कमाने वाले एनजीओ और राजनीतिक दलों को सहायता देने का आरोप है। इसी कारण फोर्ड फाउंडेशन को निगरानी सूची में रखा गया है।
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