डोकलाम के बाद भारत को अरुणाचल में मिली सफलता, चीन को झटका
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बताया कि अरुणाचल प्रदेश से लगी टूटिंग सीमा पर अतिक्रमण को लेकर चीन के साथ चल रहा विवाद सुलझ गया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रक्षा जरूरतों के मामले में भारत के आत्मनिर्भर बनने की जरूरत बताई है। साथ ही उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश से लगी टूटिंग सीमा पर अतिक्रमण को लेकर चीन के साथ चल रहा विवाद सुलझ गया है। भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना के अतिक्रमण कर सड़क बनाने के इरादे को नाकाम कर दिया था। इसके बाद से ही सीमा पर रस्साकशी चल रही थी।
जनरल बिपिन रावत ने रक्षा मामले से जुड़ी एक सेमिनार को संबोधित करने के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। अरुणाचल में टूटिंग सीमा क्षेत्र में चीनी सैनिक सड़क बनाने के लिए करीब दो किलोमीटर तक घुस आए थे। मगर भारतीय सैनिकों ने उन्हें अपने क्षेत्र में सड़क बनाने से रोकते हुए खदेड़ दिया था। हालांकि वे सड़क बनाने वाली अपनी दो मशीनें भारतीय सीमा में ही छोड़ गए थे। भारत ने उन्हें अपनी मशीनें ले जाने के लिए भी कहा था।
बताया जाता है कि दो दिन पहले इस मसले पर भारत और चीन के बीच बार्डर पर्सनल मीटिंग हुई। इसी मीटिंग में विवाद का समाधान निकला और चीनी सड़क बनाने की अपनी मशीनें वापस ले गए। इससे पहले सेमिनार में सेना प्रमुख ने रक्षा जरूरतों के लिहाज से भारत के आत्मनिर्भर बनने की जरूरत बताई। उनका कहना था कि भारत जैसे देश को रक्षा और तकनीक दोनों हिसाब से अगला कोई युद्ध स्वदेश निर्मित हथियारों से लड़ने की तैयारी रखनी चाहिए। भारतीय सैन्य जरूरतें इस समय मुख्य रूप से विदेशी आयात पर निर्भर हैं।
सेना प्रमुख का इशारा साफ तौर पर इस निर्भरता को घटाते हुए अपनी सैन्य उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर था। जनरल रावत ने कहा कि हमें हल्के बुलेट प्रूफ हथियारों से लेकर ईधन सेल तकनीक की आवश्यकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि उद्योग जगत का साथ मिला तो देश स्वदेश निर्मित हथियारों के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगा।
डोकलाम सीमा पर चीन ने सैनिक घटाए
पत्रकारों द्वारा सिक्किम से लगे डोकलाम में चीनी सैनिकों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर जनरल रावत ने कहा कि बीते दिनों में वहां तैनात सैनिकों की तादाद में भारी कमी देखी गई है। बता दें कि पिछले साल करीब ढाई महीने तक डोकलाम सीमा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच आमने-सामने की जबर्दस्त तनातनी रही थी। चीन ने डोकलाम सीमा से सटे अपने इलाके में सैनिकों को भारी संख्या में तैनात किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से ठीक पहले दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर पर चली वार्ताओं के बाद डोकलाम विवाद का हल निकला था। हालांकि, चीन ने तत्काल अपने सीमा क्षेत्र में सैनिकों की संख्या नहीं घटाई थी, मगर अब वह तैनात सैनिकों की संख्या निरंतर घटा रहा है।
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