Move to Jagran APP

ब्रह्मोस मिसाइल: 375 मिलियन डॉलर के सौदे पर भारत-फिलीपींस ने किए हस्ताक्षर, यहां जाने पूरी जानकारी

भारत और फिलीपींस के लिए आज का दिन काफी अहम रहा। दोनों देशों ने आज ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल की बिक्री के लिए 375 मिलियन अमरीकी डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार की नीति के लिए ये अनुबंध एक महत्वपूर्ण कदम है।

By Mohd FaisalEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 03:10 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 03:14 PM (IST)
ब्रह्मोस मिसाइल: 375 मिलियन डॉलर के सौदे पर भारत-फिलीपींस ने किए हस्ताक्षर, यहां जाने पूरी जानकारी
ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल (फाइल फोटो)

 नई दिल्ली, एएनआइ: भारत और फिलीपींस के लिए आज का दिन काफी अहम रहा। दोनों देशों ने आज ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल की बिक्री के लिए 375 मिलियन अमरीकी डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए। ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) ने फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। रक्षा मंत्रालय ने दोनों देशों के इस सौदे को महत्वपूर्ण कदम बताया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने की भारत सरकार की नीति के लिए ये अनुबंध एक महत्वपूर्ण कदम है।

loksabha election banner

जानकारी के मुताबिक, फिलीपींस ने भारतीय ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड से एक अनुबंध किया है। इस महीने की शुरुआत में फिलीपींस ने भारतीय ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के करीब 375 मिलियन के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। इसके तहत भारत फिलीपींस नेवी को तट आधारित एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति करेगा। सौदे पर हस्ताक्षर के समय ब्रह्मोस के सीईओ अतुल डी राणे, डिप्टी सीईओ संजीव जोशी, लेफ्टिनेंट कर्नल आर नेगी और प्रवीण पाठक के नेतृत्व में भारत में ब्रह्मोस एयरोस्पेस की भारतीय टीम मौजूद थी।

दरअसल, DRDO और BAPL मिलकर पिछले कुछ महीनों से मित्र देशों को इस मिसाइल के निर्यात पर जोर दे रहे हैं। ब्रह्मोस निर्यात आर्डर इस क्षेत्र में देश के लिए सबसे बड़ा होगा, और भारत को हथियार निर्यात करने वाले देशों के बीच आगे बढ़ने की संभावना है, क्योंकि मिसाइल के लिए अन्य मित्र देशों से अधिक आर्डर की उम्मीद है। अतिरिक्त रेंज और अन्य आधुनिक तकनीकों को इसमें शामिल किए जाने के कारण मिसाइल भी अधिक सक्षम हो गई है।

बता दें कि फिलीपींस का चीन के साथ साउथ चाइना सी में अधिकारक्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है। इसी बीच फिलीपीन्‍स के दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल लेने के फैसले से उसकी सेना की ताकत अब काफी बढ़ जाएगी। इस मिसाइल के जरिए फिलीपींस चीन को आंख दिखाते हुए अपने तटीय इलाकों की रक्षा कर सकेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.