Move to Jagran APP

इटली के अलावा केवल भारत में ही हैं रोमन अवशेष: इटैलियन अधिकारी

इटली के एक अधिकारी ने बताया कि इटली के अलावा केवल भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां रोमन अवशेष हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 04:41 PM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 04:41 PM (IST)
इटली के अलावा केवल भारत में ही हैं रोमन अवशेष: इटैलियन अधिकारी
इटली के अलावा केवल भारत में ही हैं रोमन अवशेष: इटैलियन अधिकारी

नई दिल्‍ली (प्रेट्र)। इटली और भारत के बीच विशेष सांस्‍कृतिक रिश्‍ते की साझेदारी है और इटली के अलावा भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहां 2000 साल से अधिक पुरानी रोमन इमारतों के अवशेष हैं। इटली के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, जहां इन इमारतों के खंडहर हैं उसे अब अरिकामेडु के नाम से जाना जाता है। यह पुडुचेरी शहर से चार किमी की दूरी पर कक्‍कायांथोप में है।

loksabha election banner

भारत में इटली के दूतावास के सांस्‍कृतिक केंद्र की निदेशक आंद्रिया बाल्‍डी ने कहा, चीन व अन्‍य देशों के साथ भारत और इटली दुनिया में संस्‍कृति के पावरहाउस हैं। हमारे पास अनोखी और समृद्ध प्राचीन सांस्‍कृतिक परंपरा है। बाल्‍डी ने कहा, ‘इटली से बाहर भारत एकमात्र देश है जहां आपको रोमन खंडहर मिलेंगे। पुडुचेरी के करीब रोमन इमारतें हैं जो 2000 साल से भी पहले से रोमन व्‍यापारियों द्वारा बनाए गए थे। ये वयापारी मसाले, और कपड़े जैसी भारतीय वस्‍तुओं का इटली में निर्यात करते थे। भारत-इटली के द्विपक्षीय संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर रविवार को आयोजित एक इवेंट में बाल्‍डी ने कहा, पुरातत्‍वविदों को सोने, शीशे और कीमती पत्‍थरों से निर्मित रोमन व यूनानी डिजायन वाले मोती मिले हैं। रोमन लैंप, रोमन ग्‍लास आइटम्‍स के साथ अन्‍य वस्‍तुएं भी मिलीं। ये सब 2004 के सुनामी में बुरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गयीं थीं।

उन्‍होंने कहा, भौगोलिक सीमाओं को पार करने की संस्‍कृति का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह लोगों द्वारा आसानी से समझा जा सकता है और इसलिए दोस्ती के लिए राजनीति से कहीं ज्यादा उपयोगी है। राजनीतिक आदान-प्रदान ज्यादातर सत्‍ता के गलियारे तक ही सीमित हैं, जबकि सांस्कृतिक आदान-प्रदान लोगों के बीच संपर्क स्‍थापित करती है। उन्‍होंने आगे बताया कि सांस्‍कृतिक केंद्र ने फरवरी में प्रोग्राम का एक सीरीज शुरू किया जिसमें एक्‍जीबिशन आदि भी हुए। भारतीय जनता के लिए शुरू किया गया यह कार्यक्रम इस सीरीज का अंतिम प्रोग्राम है जिसके लिए काफी अच्‍छी प्रतिक्रिया मिली। उन्‍होंने आगे कहा, बड़ी संख्‍या में लोग आए और अपनी रुचि को दिखाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.