रूस में चीन और पाकिस्तान की सेनाओं के साथ सैन्य अभ्यास नहीं करेगी भारतीय सेना, जानें वजह
भारतीय सेना बहुराष्ट्रीय सैन्य युद्धाभ्यास कावकाज-2020 (Military Exercise Kavkaz-2020) में शामिल नहीं होगी। इसकी वजह जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट....
नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख में चीन से चल रही तनातनी के चलते एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत ने रूस में अगले महीने होने जा रहे साझा सैन्य अभ्यास से खुद को अलग कर लिया है। जल्द ही रूस को यह जानकारी दे दी जाएगी कि भारतीय सैनिक इस अभ्यास में हिस्सा नहीं लेंगे। कई देशों के बीच होने वाले इस सैन्य अभ्यास में चीन और पाकिस्तान को भी शामिल होना है।
उच्च स्तरीय बैठक में हुआ फैसला
सूत्रों ने बताया, 'साउथ ब्लॉक में इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत उपस्थित रहे। इसमें यह फैसला हुआ कि ऐसे बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास में शामिल होना सही नहीं है, जहां चीन एवं पाकिस्तान के सैनिक भी उपस्थित रहेंगे।' सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनातनी चल रही है, ऐसे में उनके साथ सैन्य अभ्यास उचित नहीं।
रूस ने किया था आमंत्रित
रूस ने इस बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास में अपनी तीनों सेनाओं की टुकड़ी के साथ हिस्सा लेने के लिए भारत को आमंत्रित किया था। इसमें शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के सदस्य देश एवं मध्य एशियाई देश हिस्सा लेंगे। एससीओ के सदस्य देशों में चीन, भारत, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
चीनी रक्षा मंत्री से राजनाथ नहीं करेंगे बात
सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस में चार से छह सितंबर के बीच होने जा रही एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने जाएंगे। हालांकि इस दौरान चीनी समकक्ष से उनकी बातचीत की उम्मीद नहीं है। बताया जा रहा है कि बैठक में भारत सीमा पर चीन की विस्तारवादी नीति का मुद्दा उठाएगा।
हिंसक झड़प के चलते बिगड़े हालात
भारत-चीन के बीच सीमा पर पिछले कुछ महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई है। 15 जून को गलवन में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प ने स्थिति को और गंभीर कर दिया। इस झड़प में 21 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे। चीन ने इस झड़प में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या नहीं बताई थी। हालांकि कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, उसके 40 जवान इस झड़प में मारे गए थे।