कोरोना मरीजों की कम संख्या के चलते क्लीनिकल ट्रायल के लिए तैयार नहीं भारत
कोरोना वायरस की जांच से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस के कम मरीजों को देखते हुए फिलहाल वैक्सीन ट्रायल में नहीं शामिल होने का फैसला किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल भले ही शुरू हो गया है। लेकिन भारत फिलहाल इसमें शामिल होने के लिए तैयार नहीं है। यहां तक कि भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के कई देशों के सामूहिक क्लीनिकल ट्रायल के लिए भी हामी नहीं भरी है। कोरोना वायरस की जांच से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस के कम मरीजों को देखते हुए फिलहाल वैक्सीन ट्रायल में नहीं शामिल होने का फैसला किया है।
क्लीनिकल ट्रायल वहां, जहां हर रोज हजारों की संख्या में आ रहे मरीज
एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डाक्टर ललित धर के अनुसार क्लीनिकल ट्रायल तभी शुरु किया जा सकता है, जब वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा हो और इसका कम्युनिटी ट्रांसमीशन शुरु हो गया हो। डाक्टर धर ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी क्लीनिकल ट्रायल वायरस के कम-से-कम पांच प्रकार के साथ शुरू करता है। भारत में फिलहाल यह संभव नहीं है। उनके अनुसार क्लीनिकल ट्रायल में वे देश शामिल हो रहे हैं, जहां हर हजारों की संख्या में नए मरीज सामने आ रहे हैं।
डाक्टर ललित धर ने कहा कि यदि भारत में मरीजों की संख्या बढ़ती है और कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरु होता है, तब भारत खुद स्वतंत्र रूप से अपना या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ क्लीनिकल ट्रायल पर फैसला करेगा।
बता दें कि ईरान अभी चीन व इटली के बाद तीसरा सबसे प्रभावित देश है। मंगलवार देर शाम तक ईरान में 16,159 लोग कोरोनावायरस जांच पोजिटिव आया है और अभी तक 988 लोगों की मौत हो चुकी है। सिर्फ मंगलवार को इस वायरस से वहां 135 मौते हुई हैं। ईरान की सरकार पहले कई दिनों तक वायरस के प्रसार की सूचनाएं छिपाए रही और अब वहां कहा जा रहा है कि काफी लोगों की मौत हो सकती है। ईरान से चार बैच में भारतीयों को वापस भी लाया गया है।