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किसी भी देश को अपनी संसद में दूसरे देश के आंतरिक मामले नहीं उठाने चाहिए : ओम बिरला

लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार ओम बिरला ने कहा कि किसी भी देश को अपनी संसद में अन्य देशों के आंतरिक मामलों को उठाने की इजाजत तब तक नहीं देनी चाहिए जब तक कि मामला उस देश के हितों को प्रभावित न करता हो।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 05:01 AM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 07:22 AM (IST)
किसी भी देश को अपनी संसद में दूसरे देश के आंतरिक मामले नहीं उठाने चाहिए : ओम बिरला
किसी भी देश को अपनी संसद में दूसरे देश के आंतरिक मामले नहीं उठाने चाहिए : ओम बिरला (File Photo)

नई दिल्ली, प्रेट्र।  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने गुरुवार कहा कि हर देश की अपनी संप्रभुता है जिसका अन्य देशों को सम्मान करना चाहिए और किसी भी देश को अपनी संसद में अन्य देशों के आंतरिक मामलों को उठाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। बिरला जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी 20) में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने ब्रिटेन के हाउस आफ कामन्स के अध्यक्ष सर लिंडसे होयले के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

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 लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, बिरला ने कहा कि हर देश की अपनी संप्रभुता है जिसका अन्य देशों को सम्मान करना चाहिए। बयान में बिरला के हवाले से कहा गया कि किसी भी देश को अपनी संसद में अन्य देशों के आंतरिक मामलों को उठाने की इजाजत तब तक नहीं देनी चाहिए जब तक कि मामला उस देश के हितों को प्रभावित न करता हो। 

Had a highly fruitful meeting with @CommonsSpeaker Hon’ble @LindsayHoyle_MP, today on the sidelines of #P20. Shared views on issues of mutual concern and reiterated our shared commitment to democracy and shared prosperity. pic.twitter.com/z4wlEl7kcK

— Om Birla (@ombirlakota) October 7, 2021

  बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि दोनों संसदों के सदस्य संसदीय राजनय के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान करें और यह जानने का प्रयास करें कि जनता के हित में लोकतांत्रिक संस्थाओं को कैसे मजबूत किया जा सकता है।बिरला की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में ब्रिटेन के कुछ सांसदों ने भारत में पिछले वर्ष लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन का मुद्दा उठाया था।


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