पूर्व चुनाव आयुक्त ने कहा- भारत सेक्यूलर है, क्योंकि अधिकांश हिंदू सेक्यूलर हैं
पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने जोर देकर कहा कि नफरत फैलाने वाली बातों की उम्र बहुत लंबी नहीं हो सकती, क्योंकि भारत का मूल स्वभाव पंथनिरपेक्ष है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी का कहना है कि समाज में असहिष्णुता निश्चित तौर से बढ़ रही है, लेकिन यह अधिक दिनों तक नहीं टिकेगी, क्योंकि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण देश की एक चक्रीय परिघटना है। उन्होंने कहा कि भारत पंथनिरपेक्ष (सेक्यूलर) है, क्योंकि अधिकांश हिंदू पंथनिरपेक्ष हैं।
कुरैशी ने जोर देकर कहा कि नफरत फैलाने वाली बातों की उम्र बहुत लंबी नहीं हो सकती, क्योंकि भारत का मूल स्वभाव पंथनिरपेक्ष है। उन्होंने कहा, 'जो भी कहा सुना जाए, लेकिन अभी भी भारत में मुसलमानों की स्थिति कई मुस्लिम देशों से भी बेहतर है।' कुरैशी ने कहा कि असहिष्णुता शायद बीते पांच-दस साल से बढ़ रही है। इसके अपने दौर रहे हैं। यह बाबरी ढांचा विवाद से शुरू हुई। फिर यह दब गई। इसके बाद इसने फिर सिर उठाया। चुनावों और वोट बैंक की राजनीति ने इसे खाद-पानी देने का काम किया।
उन्होंने कहा कि यह नफरत की बातें वक्ती हैं। यह आएंगी और जाएंगी, भारत का मूल स्वभाव पंथनिरपेक्ष है और इसकी वजह इसमें समाहित उदार एवं पंथनिरपेक्ष हिंदू परंपराएं हैं।
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