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तकनीक की दुनिया में देश को आत्मनिर्भर बनाने की योजना, अपना एप स्टोर ला सकती है सरकार

तकनीक के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत एपल और गूगल की तर्ज पर अपना एप स्टोर शुरू करने की योजना बना रहा है। केंद्र सरकार इसके लिए अपने मोबाइल सेवा एप स्टोर की योजना पर आगे बढ़ सकती है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 06:02 AM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 06:02 AM (IST)
तकनीक की दुनिया में देश को आत्मनिर्भर बनाने की योजना, अपना एप स्टोर ला सकती है सरकार
सरकार मोबाइल सेवा एप स्टोर की योजना पर आगे बढ़ सकती है।

बेंगलुरु, रायटर। तकनीक की दुनिया में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत एपल और गूगल की तर्ज पर अपना एप स्टोर शुरू करने की योजना बना रहा है। इससे एप डाउनलोड किया जा सकेगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इसके लिए मोबाइल सेवा एप स्टोर की योजना पर आगे बढ़ सकती है। भारत में इस समय लगभग 50 करोड़ स्मार्ट फोन उपभोक्ता हैं। इनमें से ज्यादातर उपभोक्ता गूगल के एंड्रायड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, भारतीय स्टार्टअप कंपनियां कंपनी की उन नीतियों की आलोचना करती हैं, जिनके बारे में उनका कहना है कि वे उनके विकास में बाधा हैं।

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गूगल ने दिए हैं सख्‍ती के संकेत

सूत्रों की मानें तो सरकार एंड्रायड फोन के लिए अपना एप स्टोर पहले से इंस्टॉल करना अनिवार्य करने की योजना पर भी विचार कर रही है। पेटीएम भारत की प्रमुख भुगतान फर्म है। पिछले महीने इसने सट्टेबाजी नीति का हवाला देकर गूगल द्वारा कुछ घंटों के लिए अपना एप हटाने का विरोध किया था। गूगल ने इस सप्ताह कहा है कि वह अपने एंड्रायड स्टोर पर भुगतान के लिए 30 फीसद शुल्क वसूलने की नीति पर सख्ती से अमल करेगी।

विस्तार पर भी विचार

इस सिलसिले में मीडिया रिपोर्ट पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक किसी ने औपचारिक रूप से अनुरोध नहीं किया है। लेकिन हम अपना मोबाइल प्लेटफॉर्म विकसित करने की योजना बना रहे हैं, जहां से लोग एप डाउनलोड कर सकेंगे। अधिकारी ने बताया कि भारत में पहले से एक मोबाइल एप स्टोर है, जहां 1,200 सरकार समर्थित एप्लिकेशन उपलब्ध हैं। सरकार नया एप स्टोर शुरू करने के बदले इसके विस्तार पर भी विचार कर सकती है।

भारतीय स्टार्टअप संस्थापकों ने की मांग

गूगल ने इससे पहले कहा था कि पिछले 12 महीने में तीन फीसद से भी कम एप डेवलपरों ने उसके प्ले स्टोर से डिजिटल सामान बेचा है और लगभग 97 फीसद ने भुगतान प्रणाली नीति का पालन किया है। इसके बावजूद कई भारतीय स्टार्टअप संस्थापकों ने स्थानीय एप स्टोर की मांग की है, जो ऊंचे सेवा शुल्क की वसूली न करे। बेंगलुरु स्थित फर्म एनकोर गेम्स के सह संस्थापक विशाल गोंदल ने कहा कि एक स्थानीय एप स्टोर होना बहुत जरूरी है। यदि हम गूगल को 30 फीसद शुल्क का भुगतान करेंगे और फिर ग्राहकों को भी लाभ देंगे, तो हमारा व्यापार किस तरह टिक पाएगा।

पटीएम जता चुका है असहमति

पेटीएम ने गूगल के आकलन से असहमति जताई थी, लेकिन उसने एप को फिर से बहाल करने के लिए अपने कई प्रचार को हटा लिया। कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने एक साक्षात्कार में कहा कि गूगल न्यायाधीश और कार्यपालक के रूप में काम कर रही है। हालांकि, पेटीएम का नाम लिए बगैर गूगल ने बाद में कहा कि उसकी नीतियों का लक्ष्य उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करना है। उसके नियम सभी डेवलपरों पर समान रूप से लागू होते हैं।


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