चीन से तनाव के बीच भारत ने पृथ्वी-2 का परीक्षण किया, एक दिन पहले परखी थी एंटी टैंक मिसाइल की ताकत
भारत ने स्वदेश में निर्मित (Indigenously developed) परमाणु क्षमता वाली पृथ्वी-2 मिसाइल (Prithvi-II missile) का भी सफल परीक्षण किया। इस अत्याधुनिक मिसाइल को रात के अंधेरे में ओडिशा (Odisha) के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से छोड़ा गया।
बालासोर, पीटीआइ। भारत ने बुधवार को स्वदेश में निर्मित परमाणु क्षमता वाली पृथ्वी-2 मिसाइल (Prithvi-II missile) का भी सफल परीक्षण किया। ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से इस अत्याधुनिक मिसाइल को रात के अंधेरे में छोड़ा गया था, जो सभी मानकों पर खरा उतरी। सतह से सतह पर 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल अपने साथ 500 से 1000 किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम है। पिछली बार 20 नवंबर, 2019 को चांदीपुर से ही पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया गया था।
बता दें कि पृथ्वी-2 मिसाइल को सेना में 2003 में शामिल किया गया था। नौ मीटर लंबी इस मिसाइल को डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने विकसित किया है। दरअसल, चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता को मजबूत कर रहा है। इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मंगलवार को स्वदेशी लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया था। बताया जाता है कि परीक्षण के दौरान एटीजीएम ने तीन किलोमीटर दूर लक्ष्य को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।
महाराष्ट्र के अहमदनगर में आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल के केके रेंज से एमबीटी अर्जुन टैंक से मिसाइल दागी गई और इसने तीन किलोमीटर दूर लक्ष्य को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया। वैसे इस मिसाइल से चार किलोमीटर दूर तक दुश्मन के टैंक को नष्ट किया जा सकता है। एटीजीएम के आने से भारतीय सेना की मारक क्षमता बहुत अधिक बढ़ जाएगी। खासकर पाकिस्तान और चीन से लगती सीमा पर उसे बढ़त मिलेगी। एटीजीएम में हीट (हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट) वारहेड लगा है, जिसके जरिए एक्सप्लोसिव रिऐक्टिव आर्मर (ईआरए) संरक्षित टैंक को उड़ाया जा सकता है।