संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सीट के लिए भारत ने सक्रियता बढ़ाई
संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका में हैं। वैसे तो राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मोदी की अहम द्विपक्षीय बैठक होने वाली है लेकिन इस यात्रा के दौरान वह संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी सदस्य बनने के
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका में हैं। वैसे तो राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मोदी की अहम द्विपक्षीय बैठक होने वाली है लेकिन इस यात्रा के दौरान वह संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी सदस्य बनने के दावे के पक्ष में नए सिरे से अभियान का श्रीगणोश भी करेंगे।
भारत की कोशिश स्थायी सदस्यता के अन्य दावेदार देशों मसलन जापान, जर्मनी और ब्राजील के साथ संयुक्त तौर पर अभियान चलाने की है। इन देशों के प्रमुखों के साथ मोदी अलग से बैठक कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा परिषद में बदलाव की बात तो काफी समय से हो रही थी लेकिन पिछले एक दशक से यह मामला दबा हुआ था। लेकिन वर्ष 2010-11 की वैश्विक मंदी के बाद हालात तेजी से बदल रहे हैं। कई देश यह महसूस कर रहे हैं कि सुरक्षा परिषद में आवश्यक बदलाव करने के लिए अब देरी नहीं होनी चाहिए।
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भारत सरकार इस बदले माहौल के मुताबिक अपनी कूटनीति में भी बदलाव कर रही है। यह बात भी साफ है कि सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का दावा करने वाले राष्ट्र अगर मिल-जुल कर कोशिश करें तो ज्यादा बेहतर नतीजे आ सकते हैं।
विदेश मंत्रालय की तरफ से अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई है लेकिन माना जा रहा है कि न्यूयार्क में मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा राउसेफ के साथ अलग से बैठक करेंगे।
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यह पहला मौका है कि इन चारों देशों की सरकारों के प्रमुख संयुक्त राष्ट्र में सुधार के मुद्दे पर बैठक करेंगे। वैसे इस बारे में पहले भी इन चारों देशों के बीच कुछ बातचीत हुई है लेकिन वह विदेश मंत्रियों के स्तर पर हुई है।
सनद रहे कि संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार का मुद्दा एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। हाल के दिनों में जो घटनाक्रम हुए है उससे भारत की दावेदारी को बल मिला है। पहले तो संयुक्त राष्ट्र ने ही सुरक्षा परिषद में सुधार के एक प्रस्ताव को मंजूर किया है। इससे भारत के लिए बात आगे बढ़ाना आसान हो गया है।
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