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भारत ने तेल रिसाव से निपटने के लिए मॉरीशस को भेजी मदद, 10 सदस्यीय विशेष टीम भी रवाना

भारत ने जापानी जहाज से तेल रिसाव के चलते पर्यावरणीय संकट का सामना कर रहे मॉरीशस को मदद भेजी है। इसमें 10 सदस्यीय विशेष टीम भी शामिल है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 07:56 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 07:56 PM (IST)
भारत ने तेल रिसाव से निपटने के लिए मॉरीशस को भेजी मदद, 10 सदस्यीय विशेष टीम भी रवाना
भारत ने तेल रिसाव से निपटने के लिए मॉरीशस को भेजी मदद, 10 सदस्यीय विशेष टीम भी रवाना

नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत ने जापानी जहाज से तेल रिसाव के चलते पर्यावरणीय संकट का सामना कर रहे मॉरीशस को मदद भेजी है। समुद्र में तेल के फैलाव को रोकने के लिए भारत ने वायुसेना के विमान से 30 टन उपकरण व सामग्री के साथ ही एक विशेष टीम भी भेजी है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारतीय कोस्ट गार्ड (आइसीजी) की यह 10 सदस्यीय टीम तेल बहाव को रोकने में माहिर है। मॉरीशस ने हालात से निपटने के लिए भारत से मदद मांगी थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मॉरीशस के अनुरोध करते ही भारत ने तेल को फैलने से रोकने के लिए तत्काल मदद भेज दी।

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मदद को भेजी विशेष टीम

विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो मदद भेजी गई है उसमें उपकरण के साथ ही विशेषज्ञों की टीम शामिल है। मदद भेजने का यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन सागर (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) की दिशा में लिया गया है। इसके तहत भारत हिंद महासागर के अपने पड़ोसियों की मुश्किल की घड़ी में मदद करता है। मंत्रालय ने कहा है कि आपात मदद भारत और मॉरीशस के बीच गहरे संबंधों को प्रदर्शित करता है। यह मुश्किल घड़ी में मॉरीशस के लोगों की मदद के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

जापानी तेल जहाज हुआ था दुर्घटनाग्रस्त

जापान का तेल जहाज एमवी वाकाशिओ 25 जुलाई को मॉरीशस के दक्षिण पूर्वी तट के पास मूंगे की चट्टान से टकरा गया था। टक्कर के चलते जहाज के निचले भाग में दरारें पड़ गई थीं और उससे तेल रिसाव हो रहा था। धीरे-धीरे दरारें बढ़ती गईं और शनिवार को यह जहाज दो हिस्सों में टूट गया था। इस जहाज में चार हजार टन तेल लदा था, जिसमें से एक हजार टन तेल पहले ही समुद्र में बह गया था। जहाज से भारी मात्रा में तेल निकाला गया है, लेकिन अभी भी उसमें करीब नौ सौ टन तेल बचा हुआ है।

मॉरीशस में पर्यावरणीय आपातकाल

अफ्रीकी देश मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ देश के लिए इसे गंभीर खतरा बताते हुए पर्यावरणीय आपातकाल की घोषणा की थी और अंतरराष्ट्रीय जगह से मदद मांगी थी। इस हादसे से मॉरीशस के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचने का खतरा है, जो पहले से ही कोरोना के चलते संकट के दौर से गुजर रहा है। जिस क्षेत्र में तेल बहा है, वह कछुआ समेत दुर्लभ प्रजाति के समुद्री जीव जंतुओं का घर है।


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