मेहुल चोकसी को एंटीगुआ से लाने की कोशिशें तेज, भारत ने हिरासत में लेने को कहा
विदेश मंत्रालय ने एंटीगुआ एवं बरमुडा सरकार से चोकसी के उनके देश में होने के बारे में पुष्टि करने को कहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय बैंकों को अरबों रुपये का चूना लगा कर विदेश फरार उद्योगपति मेहुल चोकसी को एंटीगुआ से लाने की कोशिशें सरकार ने तेज कर दी है। मंगलवार को इस बारे में एंटीगुआ स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी वहां के स्थानीय अधिकारियों से मिलेंगे और चोकसी के भारत प्रत्यार्पण का आधिकारिक तौर पर अनुरोध करेंगे। इसके साथ ही चोकसी के पीछे पड़ी भारतीय जांच एजेंसियों की तरफ से भी एंटीगुआ सरकार से इस संदर्भ में आग्रह किया जाएगा।
यह जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने दी। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जैसे ही जार्जटाउन (एंटीगुआ व बारबाडोस की राजधानी) स्थित भारतीय उच्चायोग को मेहुल चोकसी के वहां होने की सूचना मिली वहां के अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन को एलर्ट किया कि उसे पकड़ा जाए। हालंाकि एंटीगुआ के साथ भारत की कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है ऐसे में सरकार की कोशिशों के सफल में काफी वक्त लग सकता है।
एंटीगुआ सरकार को भारतीय उच्चायोग ने लिखित तौर पर भी चोकसी के बारे में सूचना दी है कि उसे किसी भी तरीके से वहां से बाहर निकलने से रोका जाए। इस बारे में और बात करने के लिए भारतीय अधिकारियों की एंटीगुआ सरकार के अधिकारियों से सोमवार को बैठक भी हुई। साथ ही भारत सरकार की अन्य जांच एजेंसियां जो मेहुल चोकसी के पीछे पड़ी हुई हैं वे भी इस बारे में आवश्यक प्रस्ताव भेजने जा रही है।
वैसे भारत और एंटीगुआ के बीच कोई प्रत्यार्पण संधि नहीं है ऐसे में इस बात की संभावना है कि भगोड़े मेहुल चोकसी ने पूरी तैयारी के साथ एंटीगुआ जाने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि प्रत्यर्पण संधि नहीं होने के बावजूद जिस अपराध में मेहुल ने भारत छोड़ा है उसकी जांच के दायरे में उसका प्रत्यर्पण किया जा सकता है।
विदेश मंत्रालय की इस सफाई के बावजूद यह स्पष्ट नहीं है कि भारत सरकार ने फरवरी, 2018 में जब चोकसी का पासपोर्ट रद्द किया है तो उसके पहले वह एंटीगुआ का पासपोर्ट हासिल करने में कैसे सफल हो गया। इस बारे में भारत सरकार की तरफ से कार्रवाई की जा सकती है कि उसने पहले का भारतीय पासपोर्ट को वापस किये बगैर दूसरे देश का पासपोर्ट कैसे हासिल कर लिया। साथ ही तीन दिन पहले ही एंटीगुआ के प्रधानमंत्री ने एक भारतीय मीडिया को साक्षात्कार में कहा था कि भारत सरकार ने उन्हें कोई आवेदन नहीं भेजा है। एंटीगुआ के विदेश मंत्री ने भी इस बारे में भारत सरकार के साथ सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
सनद रहे कि मेहुल चोकसी के पहले भारतीय बैंकों को 13 हजार करोड़ रुपये की चपत लगाने वाले एक अन्य उद्योगपति नीरव मोदी भी भारत से गायब होने के बाद किस किस देश में रहा उसे भारतीय जांच एजेंसियां पकड़ने में बिल्कुल नाकामयाब रही। जब ब्रिटेन के समाचार पत्रों में छपा कि नीरव मोदी ब्रिटेन में है तब जा कर भारत सरकार को उसकी भनक लगी।