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स्विट्जरलैंड ने भारत को सौंपी स्विस बैंक खातों के विवरण की तीसरी सूची, यहां पढ़ें डिटेल्स

अधिकारियों ने कहा कि विवरण ज्यादातर कारोबारियों से संबंधित हैं। इनमें वे अनिवासी भारतीय भी शामिल हैं जो अब कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ अमेरिका ब्रिटेन और यहां तक कि कुछ अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी देशों में भी बस गए हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 06:34 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 06:34 PM (IST)
स्विट्जरलैंड ने भारत को सौंपी स्विस बैंक खातों के विवरण की तीसरी सूची, यहां पढ़ें डिटेल्स
स्विस बैंक ने 96 देशों के साथ लगभग 33 लाख खातों का विवरण किया साझा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत को स्विट्जरलैंड से स्विस बैंक खातों के विवरण की तीसरी सूची मिल गई है। स्विट्जरलैंड ने 96 देशों के साथ एक सालाना अभ्यास के तहत लगभग 33 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया है।स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान में 10 और देश- एंटीगुआ और बारबुडा, अजरबैजान, डोमिनिका, घाना, लेबनान, मकाऊ, पाकिस्तान, कतर, समोआ और वुआतू शामिल हैं। जहां 70 देशों के साथ पारस्परिक आदान-प्रदान किया गया, स्विट्जरलैंड ने 26 देशों के मामले में कोई जानकारी नहीं दी। इसका कारण यह था कि या तो वे देश (14 देश) अभी तक गोपनीयता और डाटा सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय जरूरतों को पूरा नहीं करते या उन्होंने (12 देश) डाटा हासिल करना जरूरी नहीं समझा।

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96 देशों के साथ लगभग 33 लाख खातों का विवरण किया साझा

एफटीए ने सभी 96 देशों के नामों और ज्यादा विवरण को उजागर नहीं किया है। अधिकारियों का कहना है कि भारत उन देशों में शामिल है जिन्हें लगातार तीसरे वर्ष सूचना मिली है और भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किए गए विवरण बड़ी संख्या में व्यक्तियों और कंपनियों के स्विस वित्तीय संस्थानों में स्थित खातों से संबंधित हैं। यह आदान-प्रदान पिछले महीने हुआ था और स्विट्जरलैंड सितंबर, 2022 में अगली सूची साझा करेगा।

भारत को स्विट्जरलैंड से विवरण की पहली सूची मिली थी 2019 में 

भारत को सितंबर, 2019 में सूचना के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआइ) के तहत स्विट्जरलैंड से विवरण की पहली सूची मिली थी। उस वर्ष ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में वह शामिल था। पिछले साल भारत ऐसे 86 साझीदार देशों में शामिल था।

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत द्वारा प्राप्त एईओआइ डाटा उन लोगों के खिलाफ एक मजबूत अभियोजन मामला बनाने में काफी मददगार रहा है, जिनके पास बेहिसाब संपत्ति है। इसका कारण है कि यह जमा और हस्तांतरण के साथ-साथ सभी आय का पूरा विवरण प्रदान करता है। इसमें प्रतिभूतियों और दूसरी संपत्तियों में निवेश के जरिये आय का ब्योरा भी शामिल है।

विवरण में ज्यादातर कारोबारियों के नाम

अधिकारियों ने कहा कि विवरण ज्यादातर कारोबारियों से संबंधित हैं। इनमें वे अनिवासी भारतीय भी शामिल हैं जो अब कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और यहां तक कि कुछ अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी देशों में भी बस गए हैं। याद दिला दें कि डाटा संरक्षण और गोपनीयता पर भारत में आवश्यक कानूनी ढांचे की समीक्षा सहित, एक लंबी प्रक्रिया के बाद स्विट्जरलैंड भारत के साथ एईओआइ के लिए सहमत हुआ था।


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