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मुश्किल में फंसे मालदीव को भारत ने की 1840 करोड़ की मदद, चीन के कर्ज चुकाने के नोटिस से मिलेगी राहत

भारत ने हिंद महासागर के मध्य स्थित अपने नन्हे मित्र देश मालदीव (Maldives) को आर्थिक संकट से उबारने के लिए 25 करोड़ डॉलर (1840 करोड़ रुपये) की आर्थिक सहायता दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 08:08 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 08:08 PM (IST)
मुश्किल में फंसे मालदीव को भारत ने की 1840 करोड़ की मदद, चीन के कर्ज चुकाने के नोटिस से मिलेगी राहत
मुश्किल में फंसे मालदीव को भारत ने की 1840 करोड़ की मदद, चीन के कर्ज चुकाने के नोटिस से मिलेगी राहत

माले, पीटीआइ। भारत ने हिंद महासागर के मध्य स्थित अपने नन्हे मित्र देश मालदीव को आर्थिक संकट से उबारने के लिए 25 करोड़ डॉलर (1840 करोड़ रुपये) की आर्थिक सहायता दी है। राजधानी माले स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को यह सहायता राशि दी। मुख्य रूप से पर्यटन पर आश्रित यह देश कोविड महामारी के चलते बेहाल है। यहां पर वे विदेशी पर्यटक नहीं आ रहे जिनके चलते यहां का अर्थतंत्र चलता था।

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चीन ने मालदीव की इस दशा की परवाह न करते हुए अपने कर्ज की वापसी के लिए एक करोड़ डॉलर (74 करोड़ रुपये) की किश्त देने के लिए हाल ही में नोटिस दिया है। माना जा रहा है कि अब मालदीव आसानी से चीन के कर्ज की किश्त चुका सकेगा। भारत ने आर्थिक सहायता का यह फैसला मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहीम मुहम्मद सोलिह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर हुई वार्ता के बाद लिया। यह आर्थिक सहायता ट्रेजरी बॉन्ड के जरिये दी गई है, जो मालदीव को दस साल की अवधि में लौटानी होगी।

रविवार को आयोजित कार्यक्रम में इस धनराशि का चेक मालदीव सरकार को सौंपा गया। कार्यक्रम में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद, वित्त मंत्री इब्राहीम अमीर, भारत के उच्चायुक्त संजय सुधीर और माले में भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य कार्यकारी भरत मिश्रा मौजूद थे। दूतावास ने अपने बयान में कहा है कि भारत और मालदीव का सहयोग बहुत खास है। कोविड महामारी से पैदा मुश्किल दौर में यह बात बेहतर ढंग से साबित हुई है। मालदीव सरकार और यहां के लोगों की मुश्किल से निपटने में भारत हमेशा उनके साथ है।

इससे पहले कोविड महामारी से बचाव के लिए मार्च में विशेषज्ञ डॉक्टरों का दल भारत ने मोल भेजा था। अप्रैल में 5.5 टन जरूरी दवाएं भारत ने माले भेजी थीं। इसके अतिरिक्त 6.2 टन दवाएं फिर भेजी गईं। मई में खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए 580 टन खाद्य सामग्री भारत ने माले भेजी। भारत ने महामारी के इलाज में काम आने वाली दवाएं निर्यात पर लगी रोक को हटाकर मालदीव भेजी थीं। इतना ही नहीं महामारी से निपटने के लिए भारत ने लघु अवधि के लिए डॉक्टरों और नर्सो की भर्ती कर उन्हें मालदीव में तैनात किया है। 


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