भारत की चीन को दो टूक, कश्मीर मसले में हस्तक्षेप की जरूरत नहीं
बागले ने कहा है कि कश्मीर में एक ही मसला केंद्र में है और वह सीमा पार से आतंकियों को मिल रहा समर्थन।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कश्मीर मामले में हस्तक्षेप करने की परोक्ष तौर पर धमकी देने की कोशिश कर रहे चीन को भारत ने आज दो टूक जवाब दिया। भारत ने यह भी समझा दिया कि कश्मीर की तुलना वह किसी दूसरे हिस्से से करने की कोशिश न करे क्योंकि यहां जो भी हो रहा है उसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का हाथ है। विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता गोपाल बागले ने बेहद सधे स्वर में ये बातें कही हैं लेकिन कूटनीतिक सर्किल में इसके तमाम निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। बागले ने कहा है कि कश्मीर में एक ही मसला केंद्र में है और वह सीमा पार से आतंकियों को मिल रहा समर्थन।
भारत ने एक साथ पाकिस्तान व चीन दोनो को समझाने की कोशिश की है। चीन को यह संकेत दिया गया है कि अगर वह कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ खड़ा होने की कोशिश करता है तो उसका एक मतलब यह भी होगा कि वह पाकिस्तान के आतंकी संबंधित नीतियों का भी समर्थन करता है। दूसरी तरफ पाकिस्तान को लेकर भारत ने स्पष्ट किया है कि जम्मू व कश्मीर समेत उसके साथ अन्य सभी मुद्दों पर बातचीत करने को तैयार है। लेकिन अगर वह आतंक का साथ देना जारी रखता है तो यह क्षेत्रीय शांति के लिए एक बड़ा खतरा है। इसमें यह संदेश भी छिपा है कि उसे कश्मीर मामले में चीन की तरफ से सहयोग लेने की धमकी नहीं देनी चाहिए और चीन को यह बताया गया है कि वह कश्मीर मामले में कूदने की कोशिश न करे।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दो दिन पहले यह कहा था कि चीन कश्मीर को लेकर भारत व पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को इच्छुक है ताकि वहां शांति बहाली हो सके। यह कश्मीर पर चीन की पारंपरिक नीति के खिलाफ है क्योंकि अभी तक वह कहता रहा है कि यह मसला दोनो देशों के बीच बातचीत से सुलझाना चाहिए। लेकिन जिस तरह से सिक्किम-भूटान सीमा पर भारत व चीन के बीच तनाव बढ़ा है उसे देखते हुए यह बयान अहम है। चीन के सरकारी अखबार ने यहां तक लिखा है कि अगर भूटान की तरफ से भारत वहां हस्तक्षेप कर सकता है तो चीन कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से हस्तक्षेप कर सकता है।
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