Move to Jagran APP

India China Border News: भारत की कूटनीति रंग लाई, निर्माण ध्वस्त कर फिंगर फोर क्षेत्र से पीछे हट रही चीन की सेना

चीन की सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर फोर क्षेत्र को खाली करना शुरू कर दिया है। उसने इस क्षेत्र में किए गए निर्माण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। चीनी सेना के पीछे हटने की कवायद समझौते के अनुसार हो रही है।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 10:17 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 08:37 AM (IST)
India China Border News: भारत की कूटनीति रंग लाई, निर्माण ध्वस्त कर फिंगर फोर क्षेत्र से पीछे हट रही चीन की सेना
- समझौते के अनुसार ही हो रही सेनाएं पीछे करने की कवायद

नई दिल्ली, आईएएनएस। चीन की सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर फोर क्षेत्र को खाली करना शुरू कर दिया है। उसने इस क्षेत्र में किए गए निर्माण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। चीनी सेना के पीछे हटने की कवायद भारत और चीन के बीच हुए समझौते के अनुसार हो रही है। इस क्षेत्र में चीन की सेना ने पिछले साल घुसपैठ कर यथास्थिति बदल दी थी। उल्लेखनीय है दोनों देशों के बीच सेनाएं पीछे करने पर जो सहमति बनी है उसके अनुसार चीन को फिंगर ऐट के आगे सिरीजाप चौकी पर अपनी फौज को ले जाना है। जबकि भारत को फिंगर टू-थ्री के बीच स्थित अपनी चौकी धन सिंह थापा पर लौटना है। 

loksabha election banner

समझौते के अनुसार ही हो रही सेनाएं पीछे करने की कवायद

कई सालों से यही भारत की अग्रिम चौकी है। इसके साथ ही दोनों देशों की सेनाएं गश्त और अन्य गतिविधियां अस्थायी तौर पर बंद रखेंगी। पैंगोंग झील के किनारे पहाड़ की आकृति कुछ इस तरह से है कि यह अंगुलियों की तरह दिखती है। इसीलिए इन्हें फिंगर कहा जाता है। इनकी संख्या आठ है। भारत जहां फिंगर ऐट तक अपना क्षेत्र होने का दावा करता है वहीं चीन ने फिंगर फोर तक दावा पर विवाद पैदा कर दिया। पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच आठ किलोमीटर की के फासले में दोनों सेनाओं के बीच कई बार आमने-सामने की भिड़ंत हो चुकी है। 

भारत-चीन समझौते के आलोचकों पर जमकर बरसे पूर्व सेना प्रमुख वीपी मलिक, जानें क्‍या कहा

चीनी फौज फिंगर ऐट और भारत की सेना फिंगर थ्री पर आएगी वापस

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि फिंगर फोर से चीनी सैनिकों तादाद में काफी कमी हो गई है। चीनी सेना झील से अपनी नौकाओं को भी निकाल रही है। चीन ने एलएसी पर यथास्थिति बदलने के लिए फिंगर फोर और पैंगोंग झील के दक्षिण में अपने बहुत से जवान और अन्य साजोसामान तैनात किया था। पिछले साल तनाव के कारण चीन ने झील में फिंगर ऐट से आगे नावों को तैनात किया था। एक बार सेनाएं पीछे जाने के बाद राजनयिक और सैन्य वार्ताओं में सहमति बनने के बाद ही गश्त फिर से शुरू होगी। 

पैंगोंग झील के दक्षिण में जहां दोनों देशों की सेनाएं बिल्कुल आमने-सामने थीं वहां से भी सेनाएं पीछे हटने लगी हैं। यहां कुछ स्थानों पर तो दोनों देशों के टैंक मात्र 100 मीटर के फासले पर थे। उल्लेखनीय है वास्तविक नियंत्रण (एलएसी) पर दोनों देशों के बीच करीब दस महीने तक सैन्य गतिरोध रहा। पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर टकराव तब शुरू हुआ जब चीनी सैनिकों ने पिछले साल मई में झील के अंदर और तट पर घुसपैठ कर ली। धीरे-धीरे यह टकराव और क्षेत्रों में फैल गया। झील के दक्षिणी तट पर भारत ने चीन के मुकाबले पहाडि़यों पर अपनी सामरिक स्थिति काफी मजबूत कर ली। यह बात चीन को बहुत अखरती रही। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.