India China Border Clash: भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव बढ़ने से दुनिया भर में बेचैनी, जानें किसने क्या कहा
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की तरफ से कहा गया है कि भारत व चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई हिंसा व मौत से हम काफी चिंतित है ।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। परमाणु हथियारों से संपन्न दुनिया के दो देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ने से दुनिया भर में बेचैनी है। सोमवार को भारत व चीन के बीच हुए हिंसक सैन्य झड़पों को दुनिया भर की मीडिया ने बेहद प्रमुखता से जगह दी है। वहीं, तमाम देशों की सरकारों ने इन दोनो देशों को सलाह दी है कि वे आपसी वार्ता से मामले को निपटायें। नई दिल्ली स्थिति ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा है कि यह बेहद चिंताजनक घटनाक्रम है। हमें भारत व चीन से उम्मीद है कि वे मामले को सुलझाने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाएंगे, क्योंकि सीमा पर हिंसा किसी के भी हित में नहीं है। इस मामले में पाकिस्तान ने कहा कि यह दो देशों का आपसी मामला है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की तरफ से कहा गया है कि भारत व चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई हिंसा व मौत से हम काफी चिंतित है, लेकिन दोनो पक्षों के बीच हालात को सामान्य करने के लिए बातचीत जारी रखने के फैसले से उम्मीद बंधी है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है, ''हम भारत व चीन के हालात पर पूरी नजर रखे हुए हैं। 20 भारतीय सैनिकों की मौत पर हम उनके परिवार वालों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। भारत व चीन ने विवाद को शांति से सुलझाने की बात कही है और हम इसका स्वागत करते हैं। 2 जून, 2020 को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुई टेलीफोन वार्ता में भी चीन के साथ विवाद पर बातचीत हुई थी।''
रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा है कि रूस पूरी स्थिति पर नजर बनाये हुए है। जो रिपोर्ट आई हैं वे बहुत ही चिंताजनक है। दोनों देश हमारे बेहद करीबी साझेदार हैं और हमें उम्मीद है कि दोनो देश तनाव को आगे नहीं बढ़ाने में सक्षम है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी दोनो देशों के बीच बातचीत जारी रखने की सहमति का स्वागत किया है।