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India-China Talks: 12 जनवरी को भारत-चीन के सैन्य अफसरों की वार्ता, मुख्य रूप से हाट स्प्रिंग को लेकर होगी चर्चा

मई 2020 से बनी गतिरोध की स्थिति में इस बार हाट स्पि्रंग इलाके को लेकर वार्ता होगी। इस इलाके को लेकर दोनों पक्षों में बड़ा गतिरोध बना हुआ है। इस क्षेत्र में पूर्व स्थिति बहाल करने को लेकर दोनों पक्ष 13 चक्र की वार्ता में सहमत नहीं हो पाए हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 07 Jan 2022 06:57 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jan 2022 10:50 PM (IST)
India-China Talks: 12 जनवरी को भारत-चीन के सैन्य अफसरों की वार्ता, मुख्य रूप से हाट स्प्रिंग को लेकर होगी चर्चा
14 वें चक्र की वार्ता में मुख्य रूप से हाट स्प्रिंग पर होगी चर्चा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख के करीब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बने गतिरोध को दूर करने के लिए भारत और चीन की सेना के का‌र्प्स कमांडर 12 जनवरी को फिर से वार्ता करेंगे। सैन्य अधिकारियों के बीच यह 14 वें चक्र की वार्ता होगी। भारत की ओर से इस वार्ता में पहली बार 14 वीं का‌र्प्स के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता भाग लेंगे। उन्होंने मंगलवार को ही कार्यभार ग्रहण किया है।

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हाट स्प्रिंग इलाके को लेकर होगी बात

मई 2020 से बनी गतिरोध की स्थिति में इस बार हाट स्प्रिंग इलाके को लेकर वार्ता होगी। इस इलाके को लेकर दोनों पक्षों में बड़ा गतिरोध बना हुआ है। इस क्षेत्र में पूर्व स्थिति बहाल करने को लेकर दोनों पक्ष 13 चक्र की वार्ता में सहमत नहीं हो पाए हैं। दोनों पक्षों की पूर्व में हुई वार्ता में पैंगोंग झील और गोगरा पहाड़ियों पर पूर्व स्थिति कायम करने को लेकर सहमति बनी। इसके परिणामस्वरूप चीन की सेना मई 2020 से पहले की स्थिति में लौटी। इन इलाकों में आगे बढ़ी भारतीय सेना भी अपने पूर्व के मोर्चो पर लौट चुकी है।

भारत ने अक्रामक तरीके से चीन को दिया था जवाब

2020 में एलएसी पर चीनी सेना की हरकत का भारत ने आक्रामक तरीके से जवाब दिया था और कई इलाकों में चीन के सैनिकों के नजदीक बेहतर ठिकानों पर पहुंच गई थी। उसी के बाद दबाव में आया चीन समझौते और पीछे हटने के लिए तैयार हुआ।

डीबीओ और सीएनएन जंक्शन से संबंधित विवाद को खत्म करने की भी इच्छा

भारत ने हाल के वर्षो में भीषण ठंड वाले इस इलाके में सड़कों और पुलों का ऐसा संजाल तैयार किया है कि वहां पर कुछ ही घंटों में दो लाख सैनिकों की तैनाती संभव हो गई है। भारत ने इलाके में स्थित डीबीओ और सीएनएन जंक्शन से संबंधित विवाद को खत्म करने की भी इच्छा जताई है। अप्रैल-मई 2021 में इस विवाद को समाप्त करने पर दोनों पक्षों में सहमति बनी थी।


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