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India-China Tension : ठंड और बर्फ के बीच एलएसी पर शांति, दोनों देशों के बीच बनी बेहतर समझ

बताते चलें कि एलएसी पर स्थित गलवन घाटी भारी बर्फबारी की वजह से नंवबर से मार्च तक पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कट जाती है। सूचना है कि इस बार वहां औसत से ज्यादा बर्फबारी हुई है और तापमान भी औसत से नीचे है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 09:17 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 06:58 AM (IST)
India-China Tension : ठंड और बर्फ के बीच एलएसी पर शांति, दोनों देशों के बीच बनी बेहतर समझ
भीषण बर्फबारी के बावजूद भारतीय सेना की सतर्कता में नहीं आई कोई कमी

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मई, 2020 से पसरे तनाव में कुछ नरमी के संकेत है। वैसे पिछले एक महीने से आधिकारिक तौर दोनों देशों में ना तो विदेश मंत्रालय के स्तर पर कोई बात हुई है और ना ही सैन्य स्तर पर। इसके बावजूद अधिकारियों का कहना है कि पहले से बेहतर समझ बनी है। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि दोनों तरफ से सैन्य वापसी को लेकर कोई घोषणा जल्द होगी लेकिन दोनों पक्ष यह मान रहे हैं कि शून्य से बेहद नीचे के तापमान पर सैन्य तैनाती की आपरेशनल दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों की सतर्कता में कोई कमी नहीं है और ना ही भारत के स्टैंड में कोई बदलाव आया है।

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सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में आधिकारिक बैठक नहीं होने के पीछे वजह यह है कि अब दोनों पक्षों को यह मालूम है कि दूसरा पक्ष क्या चाहता है। ऐसे में अब आगे के हालात इस बात पर निर्भर करेंगे कि दोनों तरफ से एक-दूसरे की मांग के मुताबिक क्या कदम उठाए जाते हैं। वैसे भी भारी बर्फबारी के चलते जिन स्थलों पर सैनिक तैनात हैं वहां के हालात बेहद दुर्गम हो गए हैं।

गलवन घाटी में इस बार औसत से ज्यादा हुई बर्फबारी

बताते चलें कि एलएसी पर स्थित गलवन घाटी भारी बर्फबारी की वजह से नंवबर से मार्च तक पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कट जाती है। सूचना है कि इस बार वहां औसत से ज्यादा बर्फबारी हुई है और तापमान भी औसत से नीचे है। ऐसे में वहां से सैनिकों की वापसी भी काफी दिक्कतों भरा काम होगा। संभवत: यही वजह है कि सर्दियों के गुजर जाने के बाद ही सैनिकों की वापसी पर सहमति बने।

18 दिसंबर को हुई थी अंतिम वार्ता

दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के स्तर पर अंतिम वार्ता 18 दिसंबर, 2020 को हुई थी। उसके बाद दोनों तरफ से बताया गया था कि एलएसी की स्थिति की समीक्षा की गई है और सीमा पर तनाव को खत्म करने के उपायों को आगे भी जारी रखने की सहमति बनी है। यह बताया गया था कि जल्द ही दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की भी बातचीत होगी।

सैन्य कमांडरों के बीच अब तक आठ दौर की हो चुकी है वार्ता

इसके पहले 12 अक्टूबर और 6 नवंबर, 2020 को दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। अभी तक विदेश मंत्रालयों के स्तर पर पांच दौर की और सैन्य कमांडरों के स्तर पर आठ दौर की बातचीत हो चुकी है। मई, 2020 में चीन के सैनिकों के एलएसी के उल्लंघन के बाद वहां हालात तनाव पूर्ण हैं। इसकी वजह से भारत और चीन के रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं। हाल ही में चीन ने एलएसी से दूर स्थित अपने कैंप से कुछ सैनिकों को हटाया था। वैसे इनकी तैनाती एलएसी पर नहीं थी लेकिन फिर भी इसे चीन की तरफ से सैन्य तनाव को खत्म करने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।


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