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India China Border Tension: तिब्बत युवा कांग्रेस के समर्थकों ने चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

सिलीगुढ़ी के रिजनल तिब्बत युवा कांग्रेस के समर्थकों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और लोगों से चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 05:53 PM (IST)
India China Border Tension: तिब्बत युवा कांग्रेस के समर्थकों ने चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
India China Border Tension: तिब्बत युवा कांग्रेस के समर्थकों ने चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक  के दौरान कहा था कि न तो कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया है कि देश की सेनाओं को सरकार ने यथोचित कार्रवाई की पूरी छूट भी दे दी है। इसे लेकर आज कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। भाजपा इसे लेकर उनपर हमलावर हो गई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर बगैर नाम लिए हमला बोलते हुए कहा कि हम गलवन में जब में लड़ रहे हैं, तब एक नेता ट्वीट करके सेना के मनोबल को तोड़ रहा है। पीएम मोदी सम्मान छोड़िए, आपने खुद अपने पार्टी के पीएम का सम्मान नहीं किया और उनके अध्यादेश की एक प्रति फाड़ दी।  

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इससे पहले केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने उनपर तंज कसा। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार राहुल गांधी द्वारा किए गए ट्वीट पर उन्होंने कहा कि बहुत पुरानी कहावत है-अधजल गगरी छलकत जाए। जिस पार्टी का इतिहास दागी और भूगोल बागी हो और वर्तमान लफ्फाजी से भरा हुआ हो उनसे आप इसी तरह के बयान सुनेंगे। 

India China Border Tension:

- हाल ही में हुए गलवन घाटी विवाद को लेकर नेपाल सरकार ने कहा कि नेपाल को विश्वास है कि हमारे मित्र पड़ोसी देश भारत और चीन अच्छे पड़ोसी की भावना में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और विश्व शांति और स्थिरत के पक्ष में शांतिपुर्ण साधनों के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझाएंगे।

- सिलीगुढ़ी के रिजनल तिब्बत युवा कांग्रेस के समर्थकों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और लोगों से चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की है।

- भारत और चीन के बीच तनाव को लेकर रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने बताया कि वायु सेना प्रमुख ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारी सरकार भारत के हर एक क्षेत्र को हर कीमत पर सुरक्षित रखेगी। 

- आइपीएल गवर्निंग काउंसिल की स्पॉन्सरशिप की समीक्षा पर पूर्व बीसीसीआइ अधिकारी  किशोर रूंगटा ने कहा कि एक तरफ बॉर्डर पर चीन ने तनाव पैदा कर रखा है और दूसरी तरफ हम भारत में चीन के सामान का प्रचार कर रहे हैं, ये बिल्कुल मैच नहीं करता। क्रिकेट इतना बड़ा खेल है स्पॉन्सरशिप तो मिल ही जाएगी।

- भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन फंड में विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के नियमन के तहत पेंशन फंड में ऑटोमेटिक रूट से 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार इस संदर्भ में जारी अधिसूचना के मसौदे के अनुसार चीन समेत भारत की सीमा से लगने वाले किसी भी देश की किसी भी निवेश इकाई या व्यक्ति के निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी। समय-समय पर जारी एफडीआइ (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का संबंधित प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू होगा। इस पर संबंधित पक्षों से टिप्पणियां मांगी गई हैं। इन देशों से कोई भी विदेशी निवेश सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा। भारत सरकार की अधिसूचना जारी होने की तारीख से यह प्रतिबंध लागू होगा।

- केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणी का गलत व्याख्या किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ एलएसी पर गतिरोध को लेकर शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक के बाद कहा था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की है। केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्टता से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को बदलने के किसी भी प्रयास का भारत मजबूती से जवाब देगा। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि अतीत में ऐसी चुनौतियों की उपेक्षा की गई। इसके विपरीत, भारतीय सेना अब निर्णायक रूप से एलएसी के किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करती है। सर्वदलीय बैठक में यह भी बताया गया कि इस बार एलएसी पर चीनी सेना बहुत अधिक ताकत में आई है और इस पर भारत की प्रतिक्रिया सराहनीय है।

- पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में श्योक नदी पर एक पुल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, जो श्योक-गलवन नदियों के मिलन बिंदु के बहुत करीब है। यह पट्रोलिंग पॉइंट 14 की ओर जाने वाले ट्रैक पर नहीं है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है।

- समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार भारत सरकार ने एक बयान जारी करके कहा है कि कल की सर्वदलीय बैठक में यह स्पष्ट किया गया था कि सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के परिवर्तन की अनुमति नहीं देगी।

- कांग्रेस के नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि हमें जितना संभव हो उतना आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन हम बाकी दुनिया से अलग नहीं हो सकते। भारत को ग्लोबल सप्लाई चैन का हिस्सा बने रहना चाहिए और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं करना चाहिए। 

गलवन घाटी में चीन और भारतीय सेना के बीच हिंसक झड़प को लेकर शीर्ष अमेरिकी सांसद मिच मैकोनेल जमकर चीन पर बरसे। उन्होने कहा कि ऐसा लगता है चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने जमीन हड़पने के इरादे से दोनों देशों के बीच 1962 के युद्ध के बाद सबसे हिंसक झड़प शुरू की। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार सीनेट में बहुमत के नेता मिच मैकोनेल ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं है कि दुनिया के बाकी देशों में दो परमाणु देशों के बीच इस हिंसक झड़प को लेकर गंभीर चिंता है। हम डी-एस्केलेशन और शांति की उम्मीद कर रहे हैं।

गलवन में भारत और चीनी सेना के बीच पिछले दिनों हुई हिंसक झड़प के बाद पूरे देश में चीन को लेकर गुस्से का माहौल है। देश में चीन को सैन्य के साथ आर्थिक तौर पर सबक सिखाने की मांग उठ रही है। इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशवासियों से चीन में बने उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील है। उन्होंने लोगों से यह अपील करते हुए कहा कि हमारी सेना उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी, लेकिन हमें भी उन्हें आर्थिक रूप से चोट देना होगा। जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि स्वदेशी अपनाएं, लोकल में जो बनता है उसे प्राथमिकता दें।

- हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थानीय लोगों ने गलवन घाटी में चीन और भारतीय सेना के बीच हिंसक झड़प के बाद चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का पुतला जलाया। घटना के बाद से लोगों में चीन को लेकर गुस्से का माहौल है।

- वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने शनिवार को कहा कि वायु सेना किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है।  हैदराबाद में इंडियन एयरफोर्स अकैडमी की पासिंग आउट परेड में उन्होंने कहा कि गलवन में हमारे बहादुर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा। यह बहुत स्पष्ट होना चाहिए कि हम किसी भी हालात का जवाब देने के लिए अच्छी तरह से तैयार और उपयुक्त रूप से तैनात हैं। 

- भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक की। बैठक में सभी दलों ने चीन से निपटने में केंद्र सरकार का साथ देने की बात कही। इसे लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो पूरा भारत एक है और सर्वदलीय बैठक ने इस संदेश को व्यक्त किया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के उन्होंने यह भी कहा कि यह बैठक भारत के रणनीतिक हितों से जुड़े प्रमुख मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी राजनीतिक हितधारकों को साथ लेने की प्रतिबद्धता को उदाहरण है। गृह मंत्री ने कहा कि सभी दलों को देश की सशस्त्र सेनाओं, उनकी वीरता पर गर्व है और भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए उन पर पूरा भरोसा है।

 - पिछले दिनों भारत और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस भिड़ंत में 20 भारतीय सैनिकों ने अप्रतिम बहादुरी का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था, जबकि इस दौरान चीन के 40 से अधिक सैनिक ढेर हो गए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर उठ रहे राजनीतिक सवालों के बीच पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। उन्होंने इस बैठक में सभी दलों को स्पष्ट कर दिया है कि न तो कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है। पीएम मोदी ने आश्वस्त किया है कि देश की सेनाओं को सरकार ने यथोचित कार्रवाई की पूरी छूट भी दे दी है।

पूरा देश आहत और आक्रोशित

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चीन ने सीमा पर जो कुछ किया, उससे पूरा देश आहत और आक्रोशित है। प्रधानमंत्री ने दो दिन पहले भी दो टूक तरीके से चीन को चेतावनी दी थी कि अगर भारत को उकसाया गया तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उनका यह सख्त रूख सर्वदलीय बैठक में भी दिखाई दिया। उन्होंने साफ कहा कि भारत शांति और दोस्ती चाहता है, लेकिन देश की संप्रभुता सबसे ऊपर है। इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता।  मोदी ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नवनिर्मित बुनियादी ढांचे के कारण हमारी क्षमता बढ़ी है।

चीन सीमा पर वायुसेना के लडाकू विमान तैनात

वायुसेना ने चीन सीमा पर हाई अलर्ट के साथ अपने लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों की तैनात कर दिए हैं।  लेह-लद्दाख के इलाकों में वायुसेना के आधुनिक लडाकू जेट सुखोई, जगुआर के साथ मिग विमान और अपाचे व चिनूक हेलीकॉप्टरों की तैनाती बढ़ा दी गई है। चीन से लगी 3500 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा के सभी एयरफोर्स बेस को हाई अलर्ट पर हैं। यहां वायुसेना के लड़ाकू जेट व हेलीकॉप्टर हाई अलर्ट मोड में हैं। थलसेना ने पहले ही लेह-लद्दाख के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, अरणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में चीन से लगी सीमा के सभी फारवर्ड पोस्ट पर सैनिकों की तैनाती को बड़ी संख्या में बढ़ा दी है। नौसेना भी हिंद महासागर में हाई अलर्ट मोड में है।


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