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India China Tension : चीन ने एलएसी पर सैनिक जमावड़े में कोई कमी नहीं की, लंबे समय तक कायम रखना चाहता है विवाद

चीनी सैनिक फिंगर पांच इलाके से हटने को तैयार नहीं हैं। वे अपने स्थायी ठिकाने सिरिजप में फिर लौट आए हैं। वे फिंगर क्षेत्र में स्थायी चौकी बनाना चाहते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 08:17 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 11:04 PM (IST)
India China Tension : चीन ने एलएसी पर सैनिक जमावड़े में कोई कमी नहीं की, लंबे समय तक कायम रखना चाहता है विवाद
India China Tension : चीन ने एलएसी पर सैनिक जमावड़े में कोई कमी नहीं की, लंबे समय तक कायम रखना चाहता है विवाद

नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन अपनी तरफ से तनाव कम करने का कोई प्रयास करता नजर नहीं आ रहा है। उसकी तरफ पीएलए के 40 हजार जवान अभी भी तैनात हैं। उसके रुख से लग रहा है कि इस विवाद को वह लंबे समय तक कायम रखना चाहता है। 

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बातचीत में तनाव वाले बिंदुओं से सेनाओं को पीछे करने पर सहमति बनी

सूत्रों ने बताया चीन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर से हुए प्रयास के बाद हुई सैन्य व कूटनीतिक स्तर की वार्ताओं में बनी सहमति का सम्मान करने के पक्ष में भी नहीं है। इन वार्ताओं में तनाव वाले बिंदुओं से सेनाओं को पीछे करने पर सहमति बनी थी। सूत्रों ने बताया कि एलएसी और उसके थोड़ा पीछे चीनी सैनिकों और सैन्य साजोसामान में कोई कमी नहीं देखी गई। एयर डिफेंस सिस्टम, बख्तरबंद गाड़ि‍यों, लंबी दूर तक मार करने वाले तोपखाने और भारी मशीनरी में कोई कटौती नहीं की गई है। पिछले सप्ताह कोर कमांडर स्तर पर हुई वार्ता के बाद भी सैनिकों को पीछे करने के काम में जरा भी प्रगति नहीं हुई है। 

फिंगर क्षेत्र में स्थायी चौकी बनाना चाहते हैं चीनी सैनिक 

चीनी सैनिक फिंगर पांच इलाके से हटने को तैयार नहीं हैं। वे अपने स्थायी ठिकाने सिरिजप में फिर लौट आए हैं। वे फिंगर क्षेत्र में स्थायी चौकी बनाना चाहते हैं। चीनी सेना ने तनाव वाले क्षेत्रों हॉट स्प्रिंग्‍स और गोघरा में बड़ी संख्या में स्थायी निर्माण किया है। चीनी पक्ष इन क्षेत्रों में भारतीय सेना के ऊंचाई वाले क्षेत्र में काबिज होने की बात कहकर अपने निर्माण को उचित ठहराने की कोशिश भी कर रहा है। गत 14-15 जुलाई को दोनों देशों में कमांडर स्तर की वार्ता में यह सहमति बनी थी कि दोनों देश एक दूसरे की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पर नजर रखेंगे और आगे की प्रक्रिया पर बात करेंगे। उल्लेखनीय है भारतीय सुरक्षा सलाहकार चीनी पक्ष से स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि इस मामले का स्थायी समाधान करना है तो दोनों देशों की सेनाओं को पूर्व की स्थिति में लौटना होगा।

 

नौसेना के लड़ाकू विमान मिग -29 K को चीन सीमा पर तैनात करने की तैयारी 

यही कारण है कि भारतीय नौसेना के पी-8I निगरानी विमान पूर्वी लद्दाख क्षेत्र पर लगातार उड़ान भर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नौसेना के समुद्री लड़ाकू जेट मिग -29 K को परिचालन के लिए उत्तरी क्षेत्र में तैनात किया जाएगा। चीन के साथ तनाव के बीच भारतीय नौसेना के युद्धपोतों ने हिंद महासागर में अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज के साथ अभ्यास किया था। 

राफेल को लगाया जाएगा ऑपरेशनल मोर्चे पर 

वायुसेना फ्रांस से आने वाले 5 आधुनिक लड़ाकू विमान राफेल को आपरेशनल मोर्चे पर लगाने की तैयारी कर रही है। पिछले दिनों वायुसेना के बयान के मुताबिक, भारत पहुंचने के बाद 29 जुलाई को अंबाला एयर बेस पर मौसम के हिसाब से राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल किया जाएगा। माना जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ मौजूदा तनाव के मद्देनजर राफेल के पहले बेड़े को सबसे पहले यहां तैनात किया जा सकता है।

कोरोना की आड़ में लद्दाख क्षेत्र में जमीन हथियाना चाहता था चीन 

पिछले दिनों अमेरिका ने साफ कहा है कि कोरोना वायरस की आड़ में चीन लद्दाख क्षेत्र में भारत की जमीन हथियाना चाहता था। गलवन घाटी में सीमा विस्तार की चीन की व्याकुलता पर चिंता जताते हुए अमेरिका ने बीजिंग को भारत के साथ तनाव कम करने की नसीहत भी दी है।


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