भारत-चीन के बीच लद्दाख में सीमा तनाव को लेकर रूस का बड़ा बयान, कहा- बढ़ेगी क्षेत्रीय अस्थिरता
India-China Border Tension भारत और चीन के बीच इस साल मई के महीने के बाद से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख से सटे क्षेत्र में तनाव बरकरार है। दोनों देशों के बीच अब तक आठ बार सैन्य वार्ता हो चुकी है जो सभी बेनतीजा रही हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। India-China Border Tension, भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को लेकर रूस ने बड़ा बयान दिया है। रूस का कहना है कि वैश्विक अशांति और अनिश्चितता के दौर में भारत और चीन के बीच सीमा पर किसी भी तरह का तनाव बढ़ने से यूरेशिया में क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ेगी। अन्य देश इस टकराव का अपने भू-राजनीतिक मकसद से दुरुपयोग कर सकते हैं।
ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में रूस के डिप्टी चीफ आफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने कहा कि दो एशियाई शक्तियों के बीच तनाव से रूस स्वाभाविक रूप से चिंतित है। यह बहुत जरूरी है कि दोनों देश ज्यादा से ज्यादा रचनात्मक बातचीत करें। दोनों देशों के एससीओ और ब्रिक्स समूहों का सदस्य होने का जिक्र करते हुए बाबुश्किन ने कहा कि बहुपक्षीय मंचों के ढांचे में सहयोग के लिए सम्मानजनक वार्ता ही मुख्य रास्ता है। बता दें कि कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि और अर्मेनिया व अजरबैजान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों की वजह से यूरेशिया क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से अशांति की स्थिति है।
बाबुश्किन ने कहा, 'भारत और चीन दोनों के साथ विशेष रणनीतिक संबंध होने की वजह से रूस की स्थिति विशिष्ट है और ये रिश्ते स्वतंत्र प्रकृति के हैं। हमारा विश्वास है कि जल्द ही कोई शांतिपूर्ण समाधान निकल आएगा।' उन्होंने कहा कि दोनों ही वैश्विक और जिम्मेदार पड़ोसी शक्तियां हैं जिनमें सभ्यतागत समझदारी के साथ-साथ काफी आर्थिक और रक्षा संभावनाएं हैं।
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती निकटता के बारे में पूछे जाने पर बाबुश्किन ने कहा कि इन रिश्तों से रूस को कोई समस्या नहीं है। जब भी बहुपक्षीय और द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं की बात आती है तो भारत संदेह की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ता। उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि भारत पर दबाव डालने और प्रतिबंधों का खतरा दिखाकर अनुचित और गैरकानूनी प्रतिस्पर्धात्मक तरीकों का इस्तेमाल करने की कोशिश की गई थी।'