India China Border Tension: सीमा विवाद सुलझाने के लिए चुशुल में चौथे दिन ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता जारी
सीमा विवाद को लेकर लगातार चौथे दिन भारत और चीन के सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के चुशुल क्षेत्र में ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत चल रही है। बैठक खुले क्षेत्र में हो रही है।
नई दिल्ली, एएनआइ। सीमा विवाद को लेकर लगातार चौथे दिन भारत और चीन के सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के चुशुल क्षेत्र में ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत चल रही है। भारतीय सेना के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। बताया गया है कि ये बैठक आम तौर पर एक सैन्य हट में होती है, लेकिन इस बार बैठक खुले क्षेत्र में हो रही है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुए ताजा टकराव के बाद बढ़े तनाव को कम करने की कोशिश में लगातार बैठक हो रही है। वार्ता का मुख्य एजेंडा पैंगोंग झील के आसपास के हालात पर चर्चा करना है।
बता दें कि दोनों पक्षों के बीच सोमवार से बातचीत जारी है। अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला। भारत ने ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप के आस-पास के क्षेत्रों में चीनी तैनाती को लेकर चिंता जताई है। भारत ने चीन से भारतीय क्षेत्र में थाकुंग बेस के पास अपनी सेना की तैनाती को पूरी तरह से वापस लेने को कहा। भारतीय सैनिकों ने एलएसी पर रेजांग ला से लगभग 2.5 से 3 किलोमीटर की दूरी पर रेचिन ला पर पकड़ मजबूत कर ली है। सोमवार को भारतीय सेना की ओर से बताया गया कि 29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर 'भड़काऊ सैन्य संचलन' से यथास्थिति को 'एकतरफा' बदलने की कोशिश की, जिसे भारतीय जवानों ने विफल कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि सीमा विवाद को लेकर पिछले करीब ढाई महीने में हुई कई दौर की वार्ताओं के बीच चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर एक नया मोर्चा खोलने की कोशिश की। चीन की ऐसी हरकतों के कारण भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के आसपास सामरिक महत्व की कई ऊंची चोटियों तथा पूरे क्षेत्र में जवानों की तैनाती बढ़ा रखी है। क्षेत्र में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स की एक बटालियन भी तैनात है।
दोनों देशों ने एलएसी पर बढ़ाई तैनाती
जानकारी के अनुसार चीन ने पूर्वी लद्दाख से करीब 310 किलोमीटर दूर होटन एयरबेस पर जे-20 लड़ाकू विमानों को तैनात करने के साथ-साथ अन्य सैन्य साजो-सामान जुटा लिए हैं। वहीं, भारत ने भी पिछले ढाई महीनों के दौरान लद्दाख और एलएसी से लगते अन्य एयर बेसों पर सुखोई 30 एमकेआइ, जगुआर तथा मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमानों की तैनाती कर रखी है।
15 जून को गलवन घाटी में हुआ था टकराव
गौरतलब है कि इससे पहले 15 जून को गलवन घाटी में भार और चीन के सैनिकों के बीच टकराव हुआ था। इसमें 20 भारतीय सैनिकों ने वीरगति प्राप्त किया था । इस दौरान काफी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे, लेकिन चीन ने इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।। हालांकि, एक अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार उस घटना में चीन के 35 सैनिक मारे गए। हाल में सोशल मीडिया में उन सैनिकों की अंत्येष्टि का फोटो भी वायरल हुआ है।