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India China Tension: चीन सीमा पर भेजे जा सकते हैं आइटीबीपी के 2,000 अतिरिक्त जवान

आइटीबीपी के जवान भारतीय सेना के साथ मिलकर भारत और चीन के बीच तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा की वास्तविक नियंत्रण (एलएसी) रेखा की निगरानी करते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 06:15 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 07:07 PM (IST)
India China Tension: चीन सीमा पर भेजे जा सकते हैं आइटीबीपी के 2,000 अतिरिक्त जवान
India China Tension: चीन सीमा पर भेजे जा सकते हैं आइटीबीपी के 2,000 अतिरिक्त जवान

नई दिल्ली, प्रेट्र। चीन से हालिया सीमा विवाद के मद्देनजर चौकसी बढ़ाने के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के 2,000 अतिरिक्त जवानों (20 कंपनियां) को चीन से लगी सीमा पर तैनात किया जा सकता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात आइटीबीपी के जवानों को इसके लिए बुलाया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।आइटीबीपी के जवान भारतीय सेना के साथ मिलकर भारत और चीन के बीच तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा की वास्तविक नियंत्रण (एलएसी) रेखा की निगरानी करते हैं। इनकी तैनाती लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेशों में करीब 180 सीमाई पोस्ट पर है।

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 वायु सेना हाई अलर्ट पर 

चीन सेना के अग्रिम मोर्चो पर हाई अलर्ट के साथ अपने लड़ाकू विमानों और हेलीकाप्टरों की तैनाती बढ़ा दी है। इसमें वायुसेना के सबसे आधुनिक लड़ाकू जेट सुखोई, जगुआर के साथ मिग विमान के साथ अपाचे और चिनूक हेलीकाप्टरों को भी लेह-लद्दाख के इलाकों में तैनाती बढ़ा दी है।

 वायुसेना ने चीन से लगी 3500 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा के सभी अग्रिम मोर्चे के एयरफोर्स बेस को हाई अलर्ट पर रखा है। लेह-लद्दाख व श्रीनगर के साथ हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के चीन से लगे सभी अग्रिम मोर्चो पर भी वायुसेना के लड़ाकू जेट व हेलीकाप्टर हाई अलर्ट मोड में हैं।

चीनी पीएलए को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना तैयार

पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर जहां हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, वहां तनाव अब भी काफी गहरा है। चीनी सैनिक गलवन घाटी से अभी तक नहीं निकले हैं। चीन बार-बार गलवन घाटी पर अपना दावा कर रहा है। वहीं चीन के दावे को भारत सिरे से खारिज कर चुका है। 15-16 जून  की घटना को देखते हुए भारतीय सेनाएं चीनी पीएलए की ऐसी किसी दूसरी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सर्तकता बरत रही हैं।

इसके मद्देनजर ही अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और असम में वायुसेना ने अपने अग्रिम एयरबेसों पर अतिरिक्त लड़ाकू साजो-समान पहुंचा दिया है। वायुसेना की यह चौकसी इसीलिए भी अहम है कि एलएसी के उस पर तिब्बत के इलाके के अग्रिम मोर्चो पर चीनी एयर फोर्स की सक्रियता नोटिस की गई है। 


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