वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में भारत की बड़ी छलांग, ग्लोबल रैकिंग में पांचवे स्थान पर पहुंचा
ग्लोबल रैकिंग में भौतिकी और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े शोध में भारत पूरी दुनिया में नंबर पर है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शोध को लेकर भारत में बदले माहौल का असर अब दिखने लगा है। भौतिकी और अंतरिक्ष विज्ञान जैसे क्षेत्रों से जुड़े शोध में भारत दुनिया में नंबर एक पर है। हालांकि इसके बाद भी भारत वैज्ञानिक शोध से जुड़े क्षेत्र में जिन देशों से अभी भी पीछे है, उनमें अमेरिका, चीन, ब्रिटेन और जर्मनी शामिल है। इस रैकिंग का आधार साइंस जर्नल में प्रकाशित होने वाले शोध पत्र हैं।
वैज्ञानिक शोध को लेकर यह चौंकाने वाली जानकारी वैश्विक स्तर पर जारी होने वाली एक रिपोर्ट में सामने आयी है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि ग्लोबल रैकिंग में भौतिकी और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े शोध में भारत जहां पूरी दुनिया में नंबर पर है, वहीं रसायन विभाग और गणित के क्षेत्र में वह दुनिया में दूसरे स्थान पर है, जबकि 2013 से पहले भारत इन क्षेत्रों में आठवें स्थान पर था। रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पांच सालों में शोध के क्षेत्र में भारत ने बड़ी छलांग जिस क्षेत्र में लगाई है, वह कम्प्यूटर साइंस है। जिससे अब वह सातवें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि शोध के क्षेत्र में भारत ने यह बढ़त 14 फीसद सालाना की दर से हासिल की है। यह स्थिति तब है जब इस क्षेत्र में दुनिया की औसतन बढ़त चार फीसद है। शोध के क्षेत्र में भारत को यह नई उछाल उस समय मिली है, जब शोध को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरी ताकत से जुड़ी हुई है। उच्च शिक्षण संस्थानों में इसके तहत नए सिरे से गतिविधियां शुरू की गई है।
साल भर पहले हासिल किया लक्ष्य
वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में 2013 में भारत नवें स्थान पर था। उस समय सरकार 2020 तक इस क्षेत्र में पांचवें स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य तय किया था। हालांकि भारत ने यह सफलता तय लक्ष्य से साल भर पहले ही हासिल की। अब सरकार ने 2030 तक इस क्षेत्र में तीसरे स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य तय किया है।
इन देशों को पछाड़ा
विज्ञान से जुड़े शोध में भारत ने दुनिया के जिन बड़े देशों को रैकिंग में पीछे छोड़ा है, उनमें जापान, फ्रांस, इटली, कनाडा और आस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल है।
इसे भी पढ़ें: तीन साल में देश को मिल जाएगा नया संसद भवन, जानें- कहां और कैसे होगा निर्माण
इसे भी पढ़ें: मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया कांग्रेस नेता की 23 साल की बेटी का नाम, इस तरह बनी करोड़पति