भारत ने पाकिस्तान पर बोला हमला, कहा- काल्पनिक और मनगढ़ंत डोजियर वितरित कर रहा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि एक जिम्मेदार लोकतंत्र होने के नाते भारत गलत खबरों के अभियानों में शामिल नहीं होता है। वास्तव में यदि आप गलत खबरों को देखें तो सबसे अच्छा उदाहरण हमारा पड़ोसी देश है जो काल्पनिक और मनगढ़ंत डोजियर परिचालित कर रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दुष्प्रचार के पाकिस्तान के आरोप पर भारत ने शुक्रवार को पलटवार किया। भारत ने कहा कि दुष्प्रचार का बेहतरीन उदाहरण पड़ोसी देश ही है जो काल्पनिक और मनगढ़ंत डोजियर वितरित कर रहा है और निरंतर फर्जी खबरें फैला रहा है।यूरोपीय संघ की दुष्प्रचार लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत पर फर्जी मीडिया संगठनों के जरिये विध्वंसक गतिविधियों का आरोप लगाया था। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि एक जिम्मेदार लोकतंत्र होने के नाते भारत दुष्प्रचार अभियान का सहारा नहीं लेता। पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दुष्प्रचार का सहारा खासतौर पर वो लेते हैं जिनका ओसामा बिन लादेन जैसे अंतरराष्ट्रीय वांछित आतंकी को छिपाने का रिकार्ड होता है और 26/11 मुंबई हमले जैसे अपने ट्रैक को कवरअप करने की विफल कोशिश करते हैं।
श्रीवास्तव ने कहा, 'इस मामले में हमारी स्थिति और जमीनी हकीकत सर्वविदित है, इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करके मैं ऐसे दुष्प्रचार को गौरवान्वित नहीं करना चाहता।'विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा हाल ही में जेनेवा डोनर्स कांफ्रेंस में भारत के शहतूत बांध का निर्माण करने की घोषणा पर श्रीवास्तव ने कहा कि विदेश मंत्री ने घोषणा की थी कि बांध को लेकर भारत और अफगानिस्तान सहमति पर पहुंच गए हैं। समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर होने की संभावना है।
उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि चीन के साथ पिछले वर्ष यह सहमति बनी थी कि कूटनीतिक रिश्तों के 70 वर्ष पूरे होने पर डाक टिकट जारी होगा, लेकिन चीन के साथ डाक टिकट जारी करने की तिथि को लेकर कोई बात नहीं हुई। यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को अभी तक लांच भी नहीं किया जा सका है और अब भविष्य में संयुक्त कार्यक्रमों पर आगे बढ़ने का सवाल नहीं है।
भारत ने चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से एक दिन पहले दिए गए उस बयान का भी कड़े शब्दों में प्रतिकार किया है जिसमें मौजूदा सैन्य तनाव के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की गई थी। भारत ने कहा कि भारत चीन की सीमा पर छह महीने से स्थिति तनावपूर्ण इसलिए बनी है क्योंकि चीनी पक्ष ने मनमाने तरीके से एलएसी को बदलने की कोशिश की। यह द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।