Move to Jagran APP

ट्रंप मोदी ने रिश्तों में जो गर्माहट बनाई थी वह जारी रहेगी, बाइडन प्रशासन का संकेत

नवंबर 2020 में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद बाइडन ने एक बार इंडो पैसिफिक की जगह एशिया-पैसिफिक शब्द का इस्तेमाल किया था। तब कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने यह माना था कि बाइडन चीन के साथ रिश्तों को सुधारने के लिए अब एशिया पैसिफिक का ही इस्तेमाल करेंगे।

By TilakrajEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 01:01 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 03:55 PM (IST)
ट्रंप मोदी ने रिश्तों में जो गर्माहट बनाई थी वह जारी रहेगी, बाइडन प्रशासन का संकेत
पाकिस्तान किसी भी दबाव में आतंकवाद का रास्ता छोड़ता है, तो भारत उसका स्वागत करेगा

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। सत्ता में आने के नौवें दिन अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी रे ब्लिनकेन ने भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से बात की और इसके साथ ही इन दोनों देशों के साथ अपने रिश्तों की टोन भी सेट कर दी है। ब्लिनकेन की भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह मेहमद कुरैशी के साथ पहली टेलीफोन वार्ता के बाद जो बयान जारी किया गया है उसमें दक्षिण एशिया को लेकर अमेरिका की भावी नीति की झलक है। मोटे तौर पर इसका मतलब यह है कि जो बाइडन प्रशासन के लिए भारत के साथ रिश्तों के केंद्र में हिंद प्रशांत क्षेत्र रहेगा, जबकि पाकिस्तान के साथ उसका जोर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर रहेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री ने जिस तरह से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे ऊमर शेख को रिहा करने पर जिस तरह से कड़ा ऐतराज जताया है, उसे पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी माना जा रहा है।

loksabha election banner

सूत्रों के मुताबिक, ब्लिनकेन और जयशंकर वार्ता के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान ने हिंद-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर ट्रंप प्रशासन के दौरान जारी सहयोग नीति पर उठ रहे सवालों का भी जवाब दे दिया है। नवंबर, 2020 में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद बाइडन ने एक बार इंडो पैसिफिक की जगह एशिया-पैसिफिक शब्द का इस्तेमाल किया था। तब कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने यह माना था कि बाइडन चीन के साथ रिश्तों को सुधारने के लिए अब एशिया पैसिफिक का ही इस्तेमाल करेंगे। चीन को इंडो पैसिफिक (हिंद प्रशांत) से आपत्ति है क्योंकि वह इसे इस समूचे क्षेत्र में भारत को ज्यादा महत्व देने के तौर पर देखता है। लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उक्त बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं है।

पिछले तीन दिनो में भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों, आर्थिक सुरक्षा सलाहकारों और विदेश मंत्रियों के बीच टेलीफोन वार्ता हुई है। इन तीनों में हिंद प्रशांत क्षेत्र की चर्चा भी हुई है और अमेरिकी विज्ञप्तियों में इसका जिक्र भी किया गया है। ब्लिनकेन ने भी कहा है कि, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हिंद प्रशांत क्षेत्र और इससे बाहर की चुनौतियों पर बात हुई है। इससे राष्ट्रपति जो बाइडन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच भी होने वाली टेलीफोन वार्ता की जमीन तैयार हुई है। माना जा रहा है कि एक-दो दिनों के भीतर इन दोनों नेताओं के बीच भी टेलीफोन पर बात होगी।

यही नहीं बाइडन प्रशासन ने क्वाड व्यवस्था (जापान-आस्ट्रेलिया-अमेरिका-भारत का संगठन) का भी जिक्र कर स्पष्ट कर दिया है कि इसे भी आगे बढ़ाने की नीति जारी रहेगी। अमेरिका की नई सरकार ने पाकिस्तान के साथ जो रूख दिखाया है वह भी भारतीय विदेश मंत्रालय के नीति निर्धारकों के लिए राहत की बात है।

सूत्रों के मुताबिक, कुरैशी के साथ वार्ता के बाद ब्लिनकेन ने जो बयान जारी किया है उसका सार यही है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाता है और अफगानिस्तान में स्थाई शांति स्थापित करने में मदद करता है तो उसे अमेरिका से आर्थिक सहयोग मिल सकता है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन की तरफ से ही कुछ ऐसी ही कोशिश की गई थी। पाकिस्तान किसी भी दबाव में आतंकवाद का रास्ता छोड़ता है, तो भारत उसका स्वागत करेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.