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भारत और रूस के बीच एक दिन में होंगी चार उच्चस्तरीय वार्ताएं, रक्षा क्षेत्र में कुछ बड़े समझौतों का भी होगा एलान

पुतिन व मोदी के बीच होने वाली शिखर बैठक में रक्षा क्षेत्र में कुछ बड़े समझौतों का भी एलान होगा। संकेत इस बात के हैं कि पुतिन की इस यात्रा के बाद भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग का एक नया दौर शुरू होगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 09:58 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 09:58 PM (IST)
भारत और रूस के बीच एक दिन में होंगी चार उच्चस्तरीय वार्ताएं, रक्षा क्षेत्र में कुछ बड़े समझौतों का भी होगा एलान
छह दिसंबर को भारत आ रहे हैं रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा है कि अगले हफ्ते की भारत यात्रा के दौरान वह पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ मिल कर दोनों देशों के रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत बनाने का काम करेंगे। गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने भी यह बताया कि रणनीतिक रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए पुतिन की यात्रा के दौरान किस तरह से कदम उठाए जाएंगे। पुतिन की भारत यात्रा के दौरान एक ही दिन में दोनों देशों के बीच चार दौर की शीर्ष स्तरीय वार्ताएं होंगी।

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पुतिन व मोदी के बीच होने वाली शिखर बैठक में रक्षा क्षेत्र में कुछ बड़े समझौतों का भी एलान होगा। संकेत इस बात के हैं कि पुतिन की इस यात्रा के बाद भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग का एक नया दौर शुरू होगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि छह दिसंबर, 2021 को सबसे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोयगू के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। दोनों देशों के बीच सैन्य तकनीकी सहयोग पर गठित अंतर-मंत्रालयी समिति की बैठक की अध्यक्षता भी दोनों रक्षा मंत्रियों की तरफ से की जाएगी। इस बैठक में रक्षा क्षेत्र को लेकर कई अहम भावी सहयोग के मुद्दों को अंतिम रूप दिया जाना है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस बैठक के बाद दोनों विदेश मंत्रियों व रक्षा मंत्रियों को मिला कर टू प्लस टू वार्ता होगी। यह भारत व रूस के बीच पहली टू प्लस टू वार्ता होगी।

भारत-रूस रिश्तों को दिशा देने वाला साबित होगा पुतिन का यह दौरा

इस बैठक के बाद पीएम मोदी व राष्ट्रपति पुतिन की अगुवाई में 21वां शिखर सम्मेलन होगा जिसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार व दूसरे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री भी उपस्थित होंगे। अंत में एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा जिसको लेकर जानकार बता रहे हैं कि जो अगले एक दशक के दौरान भारत-रूस रिश्तों को दिशा देने वाला साबित होगा। दोनों नेताओं के बीच होने वाली चर्चाओं के बारे में बागची ने कहा कि इसमें द्विपक्षीय, बहुपक्षीय व दूसरे क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी।

उधर, राष्ट्रपति पुतिन भी इस यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं। बुधवार को मास्को में भारत के नये राजदूत पवन कपूर ने उन्हें अपना पहचान पत्र पेश किया। इस अवसर पर पुतिन ने कहा कि, अगले हफ्ते मैं भारत की यात्रा करूंगा। पीएम मोदी के साथ वार्ता में हम भारत-रूस संबंधों, भारत-रूस रणनीतिक रिश्तों को और आगे बढ़ाने को लेकर बड़ी कोशिशों को तय करेंगे। उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों में हाल के समय में आए सुधार की बात कही और खास तौर पर ऊर्जा, अंतरिक्ष, मेडिसिन आदि में हो रहे सहयोग का जिक्र किया।

बताते चलें कि राष्ट्रपति पुतिन को वर्ष 2019 में ही भारत आना था लेकिन उनकी यात्रा अंत समय में रद कर दी गई थी। तब कई लोगों ने यह कहा था कि यह दोनों देशों के रिश्तों में खत्म हो रही गर्माहट को बता रहा है। पिछले वर्ष भी कोरोना की वजह से पुतिन की यात्रा नहीं हो सकी। लेकिन इस बार पुतिन का आना तकरीबन तय है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इस वर्ष पुतिन रूस से बाहर सिर्फ एक बार विदेश दौरे पर गये हैं और वह भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ शिखर वार्ता में हिस्सा लेने।


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