वैक्सीन से और मजबूत होगा भारत-रूस का रिश्ता, स्पुतनिक-5 की आपूर्ति में भारत की रहेगी बड़ी भूमिका
रूस में कोविड की वैक्सीन तैयार करने में व्यापक काम चल रहा है। यह भी माना जा रहा है कि भारत की मदद से ही रूसी वैक्सीन को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराया जा सकेगा। रूस में भी कोविड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी दिखाई दे रही है। रूस की कंपनी की तरफ से कोविड-19 के लिए तैयार वैक्सीन स्पुतनिक-5 का दूसरे व तीसरे चरण का भारत में ट्रायल शुरू हो गया है। स्पुतनिक बनाने वाली कंपनी पहले ही यह घोषणा कर चुकी है कि दुनिया के जिन देशों में इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर निर्माण किया जाएगा, उनमें भारत भी शामिल होगा। रूस की वैक्सीन के निर्माण को फंड करने वाली कंपनी रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआइएफ) और भारतीय कंपनी डॉ. रेड्डीज को भारत में अगले चरण के ट्रायल की मंजूरी सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी ने मंजूरी दे दी है।
रूस और भारत की रणनीतिक साझेदारी के लिए कोरोना प्रसार को रोकना सर्वोच्च प्राथमिकता
नई दिल्ली में रूस के राजदूत निकोले आर कुदासेव ने स्पुतनिक-5 के अगले चरण के ट्रायल का स्वागत करते हुए कहा, 'रूस और भारत की द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रणनीतिक साझेदारी के लिए कोरोना वायरस के प्रसार को रोकना अभी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम कोविड-19 को रोकने के लिए हर तरह के सहयोग को तैयार हैं।'
भारत में रूस के राजदूत ने कहा- भारत की मदद से रूसी वैक्सीन बड़े पैमाने पर होगी उपलब्ध
दोनों देशों के बीच हाल के महीनों में कई स्तर पर कोविड-19 से जुडे़ मुद्दों पर विमर्श हुआ है। रूस में कोविड की वैक्सीन तैयार करने में व्यापक काम चल रहा है। यह भी माना जा रहा है कि भारत की मदद से ही रूसी वैक्सीन को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराया जा सकेगा। रूस में भी कोविड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने अधिकारियों को बड़े पैमाने पर कोविड वैक्सीन का निर्माण करने का आदेश दिया है।
डॉ. रेड्डीज व आरडीआइएफ ने कहा- स्पुतनिक -5 का भारत में दूसरे व तीसरे चरण का ट्रायल शुरू
डॉ. रेड्डीज व आरडीआइएफ की तरफ से बताया गया है कि भारत में दूसरे व तीसरे चरण का ट्रायल जेएसएस मेडिकल रिसर्च की तरफ से किया जा रहा है। हाल ही में आरडीआइएफ ने यह बताया था कि पहले डोज के 28 दिन बाद वैक्सीन की सफलता दर 91.4 फीसद और 42 दिन बाद सफलता दर 95 फीसद रही है। कुल 40 हजार लोगों ने स्वेच्छा से तीसरे चरण के ट्रायल में शामिल होने की सहमति दी है।