चीन से तनाव के बीच भारत और फ्रांस सात जनवरी को करेंगे सामरिक वार्ता, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे डोभाल
ऐसे में जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव बरकरार है। भारत और फ्रांस (India and France) के बीच सात जनवरी को वार्षिक सामरिक वार्ता होने जा रही है। राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाली इस बातचीत को बेहद अहम माना जा रहा है...
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत और फ्रांस (India and France) के बीच सात जनवरी को राजधानी दिल्ली में वार्षिक सामरिक वार्ता होगी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए अजीत डोभाल (Ajit Doval) भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जबकि फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल (French delegation) का नेतृत्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोने (Emmanuel Bonne) करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआइ ने भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के हवाले से उक्त जानकारी दी है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि इस बैठक में दोनों पक्ष व्यापक द्विपक्षीय और वैश्विक मसलों पर चर्चा करेंगे। इस वार्ता में अन्य भारतीय गणमान्य भी मौजूद होंगे। सामरिक मामलों पर हुई पिछली बैठक फरवरी 2020 में पेरिस आयोजित हुई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली के बीच हुई पिछली बैठक में भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की गई थी। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई थी।
सामरिक मसले पर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई पिछली बैठक में नियमित द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यासों (शक्ति, वरुण और गरुण) का विस्तार करने पर सहमति बनी थी। बीते दिनों भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का सदस्य बना जिसका फ्रांस ने जोरदार स्वागत किया था। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनाइन ने कहा था कि हम अंतरराष्ट्रीय कानून को बरकरार रखने के साथ आतंकवाद से संघर्ष और बहुआयामी सुरक्षा के मद्देनजर कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे। इसके लिए हमें सुरक्षा परिषद में सुधार करना होगा ताकि भारत को स्थायी सदस्यता मिल सके।
सामरिक मसले पर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई पिछली बैठक में नियमित द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यासों (शक्ति, वरुण और गरुण) का विस्तार करने पर सहमति बनी थी। बीते दिनों भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का सदस्य बना जिसका फ्रांस ने जोरदार स्वागत किया था। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनाइन ने कहा था कि हम अंतरराष्ट्रीय कानून को बरकरार रखने के साथ आतंकवाद से संघर्ष और बहुआयामी सुरक्षा के मद्देनजर कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे। इसके लिए हमें सुरक्षा परिषद में सुधार करना होगा ताकि भारत को स्थायी सदस्यता मिल सके।