16 घंटे तक चली भारत और चीन के बीच वार्ता, देपसांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से सैनिकों की वापसी पर चर्चा
पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने सैनिकों हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों को पीछे हटाने के बाद भारत और चीन टकराव के दूसरे मोर्चो पर भी तनाव दूर करने में जुट गए हैं। इसक मद्देनजर भारत और चीन के बीच शनिवार सैन्य वार्ता हुई।
नई दिल्ली, एजेंसियां। पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने सैनिकों, हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों को पीछे हटाने के बाद भारत और चीन टकराव के दूसरे मोर्चो पर भी तनाव दूर करने में जुट गए हैं। इसक मद्देनजर भारत और चीन के बीच शनिवार को 16 घंटे तक सैन्य स्तर की वार्ता हुई। बैठक शनिवार सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई 10वें दौर की कोर कमांडर स्तरीय वार्ता रात को दो बजे तक चली। इस दौरान हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग समेत अन्य टकराव वाले विदुओं पर से डिसइंगेजमेंट को लेकर चर्चा हुई। यह बैठक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दूसरी तरफ चीन के मोल्डो में हुई।
इस वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया। वहीं चीनी पक्ष का नेतृत्व पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के दक्षिण जिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया। सूत्रों के अनुसार वार्ता का फोकस सेना को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर रहा। दोनों पक्षों ने इसके तौर-तरीकों पर चर्चा की। उनके मुताबिक, सीमा पर तनाव घटाना इस वार्ता की प्राथमिकता है। भारत लगातार कहता रहा है कि क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए तनाव वाले सभी स्थानों से सेना को पीछे हटाना जरूरी है।
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में घोषणा की थी कि भारत और चीन तनाव कम करने को लेकर समझौता हो गया है। दोनों पक्षों के बीच पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमती बन गई है। समझौते के मुताबिक दोनों पक्ष आग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों को चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से पीछे हटाएंगे। दोनों देशों के बीच अग्रिम मोर्चे से पीछे हटने और अप्रैल, 2020 के पहले की स्थिति सुनिश्चित करने को लेकर समझौता हुआ है।
गतिरोध खत्म करने को लेकर हुए समझौते के अनुसार भारत अपने सैनिकों को धन सिंह थापा पोस्ट के स्थायी शिविर में तैनात रखेगा, जो फिंगर-3 के करीब स्थित है। वहीं, चीनी सेना पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-8 के पूरब की ओर वापस चली जाएगी। झील के दक्षिणी किनारे पर भी इसी तरह की कार्रवाई होगी। इस सहमति के आधार पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं।