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भारत-चीन के बीच जल्द खत्म हो सकता है गतिरोध, टकराव वाले कुछ स्थानों से पीछे हट सकते हैं दोनों देशों के जवान

भारत और चीन ने बातचीत जारी रखने और एलएसी पर तैनात सैनिकों की शीघ्र वापसी की बात कही है। दोनों देशों ने अपने बयान में कहा है कि चुशुल सेक्टर में दोनों पक्षों के बीच बहुत ही खुल कर विस्तार से और सकारात्मक बातचीत हुई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 12:06 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 07:06 AM (IST)
भारत-चीन के बीच जल्द खत्म हो सकता है गतिरोध, टकराव वाले कुछ स्थानों से पीछे हट सकते हैं दोनों देशों के जवान
भारत और चीन ने बातचीत जारी रखने और एलएसी पर तैनात सैनिकों की शीघ्र वापसी की बात कही है।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर छह महीने से ज्यादा समय से जारी गतिरोध जल्द खत्म हो सकता है। दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर के आठवें दौर की बातचीत के दौरान गतिरोध खत्म होने के संकेत मिले। रक्षा सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के सैनिक अगले कुछ दिनों में टकराव वाले कुछ स्थानों से पीछे हट सकते हैं। इसका तौर-तरीका तय करने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है। 

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हालांकि, भारत इस मामले में सावधानी पूर्वक आगे बढ़ रहा है, क्योंकि उसका मानना है कि बातचीत और समझौते को जमीनी स्तर पर लागू किया जाना चाहिए। दोनों देशों ने रविवार को संयुक्त बयान जारी कर कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत के बारे में जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि चुशुल सेक्टर में दोनों पक्षों के बीच बहुत ही खुल कर, विस्तार से और सकारात्मक बातचीत हुई है। 

सूत्रों की मानें तो इस बात पर सहमति बनी है कि सैन्य बलों की तरफ से संयम बरतने और एक दूसरे के साथ गलतफहमी को दूर करने को लेकर दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बनी सहमति को लागू किया जाना चाहिए। दोनों पक्ष सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर बातचीत आगे भी जारी रखने को तैयार हैं। बीजिंग और नई दिल्ली में जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से वार्ता एवं संवाद बनाए रखने और पुराने मसलों के समाधान के लिए वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। 

उल्‍लेखनीय है कि भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच चुशुल में शुक्रवार को आठवें दौर की वार्ता हुई थी। यह वार्ता करीब साढ़े 10 घंटे चली थी। वार्ता में दोनों देशों की सेनाओं ने जल्द ही पुन: मुलाकात करने पर सहमति जताई थी। माना जा रहा है कि आगामी बातचीत में कोई बड़ा फैसला हो सकता है। चूंकि एलएसी पर कुछ दिनों में जबर्दस्त बर्फबारी होने वाली है। ऐसे में सैनिकों की वापसी एक बड़ा कदम मानी जा रही है। 

वैसे दोनों देशों ने रविवार को संयुक्त बयान जारी कर कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए इसे सकारात्‍मक बताया है। दोनों पक्षों का कहना है कि चुशुल सेक्टर में बहुत ही खुल कर, विस्तार से बातचीत हुई है। दोनो पक्ष इस पर भी सहम‍त हैं कि सैन्य बलों की तरफ से संयम बरतने और एक दूसरे के साथ गलतफहमी दूर करने को लेकर दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बनी सहमति को लागू किया जाए। 

बता दें कि पूर्वी लद्दाख के विभिन्न पहाड़ी इलाकों में करीब 50 हजार भारतीय सैनिक शून्य से भी नीचे तापमान में युद्ध की उच्‍च तैयारी के साथ मुस्‍तैदी से तैनात हैं। चीन ने भी लगभग इतने ही सैनिकों को मोर्चे पर तैनात कर रखा है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली सभी जगहों से चीनी सैनिकों की जल्‍द से जल्‍द वापसी पर जोर दिया। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि वह एलएसी में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेगा। 


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