परमाणु हथियारों के पूर्ण निरस्त्रीकरण पर भारत की सहमति, UNGA में दोहराई अपनी प्रतिबद्धता
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत दुनिया के एकल बहुपक्षीय निरस्त्रीकरण मंच के रूप में निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन को उच्च प्राथमिकता देता है और एक व्यापक परमाणु हथियार सम्मेलन पर वार्ता शुरू करने का समर्थन करता है।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। भारत का मानना है कि एक बहुपक्षीय तंत्र को विकसित करके परमाणु हथियारों का निशस्त्रीकरण किया जा सकता है। इतना ही नहीं नई दिल्ली परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच विश्वास बहाली के लिए सार्थक बातचीत की आवश्यकता के प्रति भी आश्वस्त है। यह बात विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कही। उन्होंने इस दौरान परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन पर फिर एक बार भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका द्वारा जापान पर परमाणु बम गिराने और उसकी बाद उत्पन्न हुई स्थिति को देखते हुए दुनियाभर में परमाणु हथियारों के उन्मूलन की मांग ने तेजी पकड़ी है। भारत हमेशा से पहले परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं करने की वकालत करता रहा है।
परमाणु हथियारों के उन्मूलन के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर बोलते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, 'भारत परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के लिए अग्रणी, सार्वभौमिक और भेदभाव रहित अपनी दीर्घकालिक और अटूट प्रतिबद्धता को दोहराता है। उन्होंने कहा, 'भारत दुनिया के एकल बहुपक्षीय निशस्त्रीकरण मंच के रूप में निशस्त्रीकरण पर सम्मेलन को उच्च प्राथमिकता देता है और एक व्यापक परमाणु हथियार सम्मेलन पर वार्ता शुरू करने का समर्थन करता है।
परमाणु हथियार उन्मूलन की दिशा में भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित करते हुए श्रृंगला ने उम्मीद जताई कि उच्चस्तरीय आयोजन परमाणु हथियार मुक्त दुनिया की ओर ले जाने की आवश्यकता पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान केंद्रित करेगा। इस कार्यक्रम का आयोजन अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के मौके पर किया गया था।
महात्मा गांधी के हवाले से विदेश सचिव ने कहा, 'आप जो भी करेंगे वह महत्वहीन होगा, लेकिन ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आप इसे करें।' उन्होंने कहा कि यही एक भावना है जो परमाणु निशस्त्रीकरण की दिशा में भारत को अन्य देशों के साथ काम करने के लिए प्रेरित करती है।