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पाक में धार्मिक अल्पसंखयकों का उत्पीड़न बढ़ा

पिछले दो दशकों के दौरान पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंखयकों के साथ भेदभाव, उत्पीड़न एवं हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। पाकिस्तान के ही पाइलर नाम के संस्थान के अध्ययन में ये तथ्य उजागर हुए हैं। माना जाता है कि पाकिस्तान में कट्टरवाद की शुरुआत जनरल जियाउल हक के तानाशाही शासन के दौरान हुई, लेकि

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 07:53 AM (IST)
पाक में धार्मिक अल्पसंखयकों का उत्पीड़न बढ़ा

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। पिछले दो दशकों के दौरान पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंखयकों के साथ भेदभाव, उत्पीड़न एवं हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। पाकिस्तान के ही पाइलर नाम के संस्थान के अध्ययन में ये तथ्य उजागर हुए हैं।

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माना जाता है कि पाकिस्तान में कट्टरवाद की शुरुआत जनरल जियाउल हक के तानाशाही शासन के दौरान हुई, लेकिन धार्मिक अल्पसंखयकों के साथ भेदभाव का यह सिलसिला उसके बाद भी न सिर्फ जारी है, बल्कि इसमें बढ़ोतरी हुई है।

पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ लेबर एजुकेशन एंड रिसर्च द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि वहां के हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और यहां तक कि मुस्लिमों के भी विभिन्न पंथों के साथ हो रहे भेदभाव के कारण वहां मानवाधिकारों के लिए खतरा पैदा हो गया है।

पाइलर की इस रिपोर्ट का हवाला बुधवार को मुंबई प्रेस क्लबमेंनंदिता भावनानी की लिखी पुस्तक 'द मेकिंग ऑफ एक्जाइल: सिंधी हिंदूज एंड पार्टीशन ऑफ इंडिया' के लोकार्पणसमारोह में पाकिस्तान पीस कोअलिशन (पीपीसी) के महासचिव बी.एम.कुट्टी ने दिया। कुट्टी खुद भी पाइलर के सदस्य हैं।

कुट्टी के अनुसार, पाकिस्तान में लगातार बढ़ रहे कट्टरवाद एवं धार्मिक पहचानवाद के कारण वहां के अल्पसंखयकों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है और वे वहां के मुख्य समाज से कटते जा रहे हैं। हिंसक भीड़ का शिकार होना, ईशनिंदा कानून का शिकार होना एवं लड़कियों के जबरन धर्मातरण के कारण इन समुदायों को वहां या तो भय के वातावरण में जीवन गुजारना पड़ रहा है या मौका पाते ही वे दूसरे देशों की ओर पलायन कर रहे हैं। कुट्टी ने अपने वक्तव्य में कहा कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय असेम्बली एवं राज्य असेम्बलियों में अल्पसंखयकों के लिए आरक्षित सीटों पर उनके सीधे नामांकन के बजाय उन्हें चुनाव में उतरने का कानून बनने के बाद वहां की संसद व विधानसभाओं में अल्पसंखयकों के पहुंचने का रास्ता भी करीब-करीब बंद हो गया है। इसका विरोध करते हुए ही कुछ समय पहले पाकिस्तान क्रिश्चियन नेशनल पार्टी (पीसीएनपी) के अध्यक्ष जोसेफ एम.फ्रांसिस ने एक संवाददाता सममेलन में कहा था कि अब हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हमारी मदद के लिए आगे आने की अपील करनी पड़ेगी।

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