एमपी में कोरोना मरीज बढ़ने के चलते अस्पतालों में बिस्तरों की कमी, रेलवे ने बनाए मोबाइल आइसोलेशन कोच
मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से अस्पतालों में बिस्तरों की कमी पड़ रही है। इसे देखते हुए पश्चिम- मध्य रेलवे ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान तैयार किए गए 133 आइसोलेशन कोचों की फिर से सफाई व मरम्मत का काम शुरू कर दिया है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या की वजह से अस्पतालों में बिस्तरों की कमी पड़ रही है। इसे देखते हुए पश्चिम- मध्य रेलवे ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान तैयार किए गए 133 आइसोलेशन कोचों की फिर से सफाई व मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। इन कोचों में 931 बिस्तरों की व्यवस्था है।
कोरोना मरीज बढ़ने पर पिछले साल तैयार किए गए थे 133 कोच
हालांकि, अभी राज्य सरकार की तरफ से रेलवे से मदद नहीं मांगी गई है, लेकिन रेलवे ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। एक कोच में औसतन सात संक्रमितों को भर्ती करने की व्यवस्था है। 133 कोचों में 931 बिस्तर हैं। ये सामान्य हैं लेकिन आवश्यकता अनुसार इन्हें ऑक्सीजन बेड में बदला जा सकता है। इन कोचों को रेल लाइन वाले शहरों में कहीं भी शिफ्ट किया जा सकता है।
रेलवे ने आइसोलेशन कोचों की फिर शुरू की सफाई
गौरतलब है कि रेलवे ने बीते साल अप्रैल से जून के बीच मोबाइल आइसोलेशन कोच बनाए थे। तब से अनुपयोगी पड़े इन कोचों को रेलवे ने फिर व्यवस्थित कर दिया है। दिल्ली भेजे थे 44 कोच भोपाल में तैयार किए 44 मोबाइल आइसोलेशन कोच बीते साल दिल्ली के मरीजों को काम आ चुके हैं। दिल्ली सरकार की मांग पर बीते साल जून में 44 कोच भेजे गए थे। तब से लेकर अब तक कहीं से कोचों की मांग नहीं आई है।
कोचों में ये है सुविधा
इन कोचों में ऑक्सीजन सिलिंडर रखने, दवाइयां, पानी बोतल रखने की सुविधा है। विद्युत सप्लाई का इंतजाम है। एक कोच में एक शौचालय व एक बाथरूम है। डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों के बैठने के लिए अलग कक्ष है। कोरोना मरीजों के उपयोग से निकलने वाले कचरे को अलग-अलग रखने के लिए प्रत्येक बिस्तर पर डस्टबिन है। मच्छरदानी लगी हैं। एलईडी लाइट्स लगी हैं। पीने के पाने का इंतजाम है। मरीजों के लिए चादर, कंबल की व्यवस्था भी है।
रेलवे बोर्ड के निर्देश पर बनाए गए मोबाइल आइसोलेशन कोच
मोबाइल आइसोलेशन कोच रेलवे बोर्ड के निर्देश पर बनाए हैं। दोबारा संक्रमण की गति बढ़ी तो कोचों को साफ-सुथरा कर दिया है। इनकी मांग आती है तो रेलवे कम से कम समय में उपलब्ध कराने के लिए तैयार है- राहुल जयपुरिया, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पश्चिम- मध्य रेलवे।