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अब 'भगवान' के घर भी आयकर विभाग का शिकंजा

अब धार्मिक संस्थाएं, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे सहित ट्रस्ट भी आयकर के दायरे में आ गए हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 07 Apr 2018 10:07 AM (IST)Updated: Sat, 07 Apr 2018 10:23 AM (IST)
अब 'भगवान' के घर भी आयकर विभाग का शिकंजा
अब 'भगवान' के घर भी आयकर विभाग का शिकंजा

रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। व्यापारियों और अधिकारियों के साथ ही अब धार्मिक संस्थाएं, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे सहित ट्रस्ट भी आयकर के दायरे में आ गए हैं। व्यापारिक प्रतिष्ठानों की तरह इनमें भी आयकर विभाग कभी भी सर्वे कर सकता है और धार्मिक संस्थाओं, ट्रस्ट को इसके लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा। आयकर विभाग का नया नियम यह भी आया है कि अब दस हजार से ज्यादा नकद धार्मिक संस्थाएं नहीं ले सकतीं। यानी धार्मिक संस्थाओं, ट्रस्टों पर आयकर विभाग की पैनी नजर होगी।

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कर विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर के ये नए नियम सभी धर्मों की धार्मिक संस्थाओं पर लागू हैं। इस नियम ने धार्मिक संस्थाओं के होश उड़ा दिए हैं। वे चौकन्नाी हो गई हैं और टैक्स एक्सपर्टों से लगातार सलाह-मशविरा कर रही हैं, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। आयकर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सीए चेतन तारवानी ने बताया कि इन नियमों के जरिए आयकर विभाग ने ट्रस्टों व धार्मिक संस्थाओं पर शिकंजा कस दिया है।

ये भी ले सकते हैं स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ-अब तक केवल नौकरीपेशा लोगों के लिए मिल रहा 40 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दूसरी संस्थानों से नौकरी कर पेंशन पाने वाले लोगों को भी मिलेगा। ऐसे करदाताओं के लिए यह काफी अच्छी बात होगी। 


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