मध्य प्रदेश में गजब मामला, ग्रामीण बोले, शराब से मरा, बहनोई ने कहा- वह तो पीता ही नहीं
रन्छोली गांव से पहुंचे ग्रामीण की मौत शराब से बताई गई जबकि मृतक के बहनोई ने उसके शराब पीने से ही इन्कार कर दिया। आर्थिक मदद की लगातार हो रही घोषणाओं और मुख्यमंत्री के दौरे से बनी आस से गांवों में यह माहौल बन रहा है।
मुरैना, जेएनएन। जहरीली शराब से मौतों के बाद मुरैना क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में अजब स्थिति बन रही है। बीमारी या अन्य कारण से हो रही मौत को भी शराब से हुई मौत बताया जा रहा है। दिमनी के छिछावली में फौजी सहित दो मौत शराब से हुई है या नहीं, इसकी जांच प्रशासन कर रहा है, क्योंकि उसकी मौत का कारण पहले हार्ट अटैक बताया गया, फिर दूसरे दिन जहरीली शराब बताया जाने लगा। मंगलवार को भी जिला अस्पताल में रन्छोली गांव से पहुंचे ग्रामीण की मौत शराब से बताई गई, जबकि मृतक के बहनोई ने उसके शराब पीने से ही इन्कार कर दिया। आर्थिक मदद की लगातार हो रही घोषणाओं और मुख्यमंत्री के दौरे से बनी आस से गांवों में यह माहौल बन रहा है।
रन्छोली के 35 वर्षीय उग्रसेन पुत्र भरत सिंह गुर्जर को सीने में दर्द के बाद जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज से पहले ही उसने दम तोड़ा दिया। साथ आए ग्रामीणों ने इमरजेंसी वार्ड और पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों को बताया कि शराब पीने के बाद उग्रसेन की तबियत बिगड़ी थी। पुलिसकर्मी जानकारी जुटा रहे थे, इसी दौरान दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' से चर्चा में उग्रसेन के बहनोई विष्णु गुर्जर ने कहा कि वह कभी शराब नहीं पीता था। 18 साल से उग्रसेन रन्छोली में पत्थर खदानों पर काम करता है। सोमवार देर शाम ही बाइक से गांव कंचनपुर से रन्छोली लौटा था। रात 2 बजे से पेट दर्द शुरू हुआ और सुबह अस्पताल लाए तो डॉक्टरों ने मृत घोषिषत कर दिया।
शराब से बीमार बताकर आया अस्पताल, पिता पीटते ले गया
छैरा गांव का 31 साल का युवक भी खुद को शराब पीने के बाद उल्टियां और पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल आ गया। कुछ देर बाद उसका पिता अस्पताल आया और शराब पीने पर भला-बुरा कहने लगा। पिता की डांट सुन युवक बोला कि उसने शराब नहीं पी, ना ही तबियत खराब है। पुलिस ने थाने ले जाने की धमकी दी तो गुस्साया पिता उसे पीटते-पीटते वहां से ले गया।
आर्थिक मदद के लालच में बोल रहे झूठ
जहरीली शराब से मारे गए लोगों को राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 50-50 हजार रुपये, सामाजिक संस्था पाथवे ने 21-21 हजार, जिला प्रशासन व मुरैना विधायक राकेश मावई ने 10-10 हजार देने का ऐलान किया है। इसके अलावा सुमावली विधायक सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी आर्थिक मदद देने की बात कही है।मृतकों के स्वजनों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 24 अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।
मुरैन के एसपी सुनील कुमार पाण्डेय ने बताया कि ग्रामीण मान रहे हैं कि 30 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी खासी आर्थिक मदद दे सकते हैं। इसके लालच में हर मौत को जहरीली शराब से बताने का क्रम अभी कुछ दिन और चलेगा। दिमनी छिछावली में फौजी व एक अन्य ग्रामीण की मौत कैसे हुई इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। पीएम व बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि मंगलवार सुबह नूराबाद क्षेत्र के रन्छोली से एक मृतक आया था, उसके साथ आए लोगों का कहना है कि वह शराब पीता था, जिससे मौत हुई है। वैसे गांवों से ऐसे जो भी केस आ रहे हैं, अधिकांश में शराब को ही कारण बताने लगे हैं लोग। उक्त मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर बिसरा जांच के लिए भेजा है, उससे मौत का सटीक कारण स्पष्ट हो जाएगा।