Move to Jagran APP

मप्र में लगातार काम के बदले पुलिसकर्मियों को मिलता है हर महीने 18 रुपये विशेष भत्ता

महंगाई के दौर में वर्दी की धुलाई के लिए पुलिसकर्मियों को महीने में 60 रुपये मिलते हैं। पुलिस कर्मचारियों को सेहतमंद रखने के लिए विभाग में पौष्टिक खुराक के लिए भी भत्ते का इंतजाम है। आरक्षक से लेकर इंस्पेक्टर के स्तर तक इसके लिए प्रतिमाह 650 रुपये दिए जाते हैं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:29 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 06:29 PM (IST)
मप्र में लगातार काम के बदले पुलिसकर्मियों को मिलता है हर महीने 18 रुपये विशेष भत्ता
मप्र में लगातार काम के बदले पुलिसकर्मियों को मिलता है हर महीने 18 रपये विशेष भत्ता।

भोपाल, मोहम्मद रफीक। पूरे महीने बिना छुट्टी लिए और लगातार काम करने के लिए यदि बतौर प्रोत्साहन 18 रुपये दिए जाएं तो कौन इससे सहमत और प्रोत्साहित होगा, लेकिन यह व्यवस्था मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में है। महंगाई के इस दौर में वर्दी की धुलाई के लिए पुलिसकर्मियों को महीने में 60 रुपये दिए जाते हैं। वर्षो से चली आ रही इन विशेष भत्तों की राशि इतनी कम है कि इसकी चर्चा पर पुलिसकर्मी ही ठहाका लगा देते हैं। अप्रासंगिक हो चुकी भत्ता राशि को लेकर पुलिस विभाग की ओर से बदलाव का प्रस्ताव भेजा गया है, जो सरकार स्तर पर विचाराधीन है।

loksabha election banner

बिना छुट्टी लिए लगातार काम करने के लिए विशेष पुलिस भत्ता की महज 18 रुपये की राशि में वर्ष 1979 से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। यह भत्ता आरक्षक से लेकर इंस्पेक्टर स्तर तक के अधिकारी को दिया जाता है। वर्दी की अपनी शान और अनुशासन है, इसलिए वह साफ-सुथरी रहे, इस ओर भी ध्यान देते हुए प्रतिमाह राशि देने की व्यवस्था की गई है। यह और बात है कि सिपाही से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर पर यह राशि महज 60 रुपये है। इसमें आखिरी बार बढ़ोतरी भी वर्ष 2003 में की गई थी। इसके अलावा वर्दी खरीदने के लिए विभाग अपने कर्मचारियों को राशि देता है। आरक्षक और प्रधान आरक्षक स्तर पर इसके लिए प्रतिवर्ष तीन हजार रुपये दिए जाते हैं। जो पूरे नहीं पड़ते। यह प्रविधान भी करीब छह साल पुराना है। इससे पहले विभाग ही वर्दी खरीदकर देता था।

पौष्टिक आहार के लिए मिलते हैं 650 रुपये

पुलिस कर्मचारियों को सेहतमंद रखने के लिए विभाग में पौष्टिक खुराक के लिए भी भत्ते का इंतजाम है। आरक्षक से लेकर इंस्पेक्टर के स्तर तक इसके लिए प्रतिमाह 650 रुपये दिए जाते हैं। इसने कम रुपये में महीनेभर के लिए पौष्टिक आहार से कितने कर्मचारी सेहतमंद रहते होंगे, यह अनसुलझा सवाल है। यह भत्ता वर्ष 2015 में आखिरी बार बढ़ा था। इससे पहले 350 रुपये मिलते थे। मकान किराये के लिए भी मूल वेतन का 10 फीसद कर्मचारियों को दिया जाता है। यानी किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20 हजार रुपये होगा तो भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में उसे दो हजार रुपये ही मकान किराये के रूप में मिलेंगे। यह भी ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है। मालूम हो, पुलिस विभाग में पहले मूंछ की रखरखाव के लिए भत्ता और साइकिल के लिए भी भत्ते का प्रविधान था, हालांकि अब यह समाप्त किया जा चुका है। उधर, अधिकारियों का कहना है कि पौष्टिक आहार सहित कुछ भत्तों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव विभाग की ओर से भेजा गया है। इस पर सरकार का फैसला आना बाकी है।

सहानुभूतिपूर्वक विचार हो

सुविधाएं बढ़ाने के लिए सरकार समय-समय पर व्यवस्था करती आई है। भत्तों की राशि में समय अनुसार बदलाव करने के लिए सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए।

धर्मेद चौधरी, सेवानिवृत्त उप पुलिस महानिरीक्षक, मध्य प्रदेश पुलिस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.