जीनोम सीक्वेंसिंग में जनवरी में ओमिक्रोन के मिले 9 हजार से ज्यादा नमूने, डेल्टा का असर अभी पूरी तरह नहीं हुआ खत्म
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डा.एस.के. सिंह ने कहा कि हमे पहले बीए.1 नमूने मिले रहे थे जो ज्यादातर यात्रियों (विदेश यात्रा कर चुके) में पाये गए थे। लेकिन अब हम देख रहे हैं बीए.2 समुदाय में अधिक पाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने गुरुवार को कहा कि जनवरी में कोरोना के नमूनों की जीनोम सीक्वेसिंग में ओमिक्रोन वैरिएंट के 9,672 नमूने पाए गए, जो कुल नमूनों का 75 प्रतिशत हैं। यह आंकड़ा दिसंबर माह के आंकड़े 1,292 के मुकाबले भारी वृद्धि दर्शाता है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डा.एस.के. सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीक्वेंस किए गए नमूनों में ओमिक्रोन-बीए.1 और बीए.2 के 'सब लाइनेज' पाये गए, जबकि बीए.3 नहीं मिले।
ओमिक्रोन के नमूनों की संख्या में दिसंबर की तुलना में जनवरी में भारी वृद्धि
सिंह ने कहा कि हमे पहले बीए.1 नमूने मिले रहे थे, जो ज्यादातर यात्रियों (विदेश यात्रा कर चुके) में पाये गए थे। लेकिन अब हम देख रहे हैं बीए.2 समुदाय में अधिक पाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन के नमूनों की संख्या में दिसंबर की तुलना में जनवरी में भारी वृद्धि देखी गई है।
ओडिशा, बंगाल और महाराष्ट्र में सबसे अधिक पाया गया डेल्टा वैरिएंट
उन्होंने कहा कि जनवरी में, ओमिक्रोन के 9,672 नमूने पाये गये, जो सीक्वेंस किए गए कुल नमूनों के 75 प्रतिशत हैं। जबकि एवाई लाइनेज 3,201 नमूनों में पाया गया और 1,578 में डेल्टा पाया गया। सिंह ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट ओडिशा, बंगाल और महाराष्ट्र में अधिक पाया गया।
देश में अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ डेल्टा का असर
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हर जगह हम ओमिक्रोन के ही मामले पा रहे हैं। हमें डेल्टा के मामले भी मिल रहे हैं जिससे पता चलता है कि डेल्टा का असर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। रोग की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने के मामले में भी हम डेल्टा को एक वजह के रूप में पा सकते हैं इसलिए यह जरूरी है कि हमें अस्पताल में भर्ती मरीजों को बारे में यह नहीं मानना चाहिए कि वे ओमिक्रोन के हैं, जिसके चलते वे हल्के होंगे।