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आइसोलेशन में रखे गए लोगों की हुई 'जिओ फेंसिंग', जानिए संदिग्ध लोगों के बीच कैसे करता है ये काम

रविशंकर प्रसाद के अनुसार इस प्रणाली मे व्यक्ति पर नजर रखने के लिए मोबाइल के तीन टॉवर के डाटा का इस्तेमाल किया जाता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 08:15 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 01:33 AM (IST)
आइसोलेशन में रखे गए लोगों की हुई 'जिओ फेंसिंग', जानिए संदिग्ध लोगों के बीच कैसे करता है ये काम
आइसोलेशन में रखे गए लोगों की हुई 'जिओ फेंसिंग', जानिए संदिग्ध लोगों के बीच कैसे करता है ये काम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आइसोलेशन में रखे गए कोरोना वायरस से ग्रसित होने के संदिग्ध व्यक्ति के लिए घर से बाहर निकला आसान नहीं होगा। आठ राज्यों में ऐसे संदिग्धों का 'जिओ फेंसिंग' कर दिया गया है। जैसे को कोई व्यक्ति अपने आइसोलेशन के स्थान से दूर जाएगा, उसकी निगरानी में लगी एजेंसियां सतर्क हो जाएगी। सूचना व प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आठ राज्यों में आइसोलेशन में रखे गए कोरोना के संदिग्धों पर नजर रखने के लिए 'जिओ फेंसिंग' का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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रविशंकर प्रसाद के अनुसार इस प्रणाली मे व्यक्ति पर नजर रखने के लिए मोबाइल के तीन टॉवर के डाटा का इस्तेमाल किया जाता है। यह किसी व्यक्ति के 100 मीटर तक दायरे तक नजर रख सकता है। जैसे व्यक्ति अपने आइसोलेशन के स्थान से 100 मीटर दूर जाता है, उसे 'जिओ फेंसिंग' का उल्लंघन माना जाता है। उन्होंने कहा कि देश भर में विदेश से आए या फिर किसी कोरोना मरीज के संपर्क में आने वाले लाखों लोगों को घर पर आइसोलेशन में रहने को कहा गया है। 'जिओ फेंसिंग' ने इसे पूरी तरह सफल कर दिया है।

तमिलनाडु में आरोग्य-वायस काल सेवा शुरू

कोरोना खतरे से लोगों को आगाह करने के लिए सरकार पहले ही 'आरोग्य सेतु' एप को लांच कर चुकी है और अब तक ढाई करोड़ से अधिक लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं। लेकिन इसका लाभ देश भर में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले 60 करोड़ लोग ही कर सकते हैं। जबकि 60 करोड़ लोग ऐसे भी हैं, जो सामान्य फोन का इस्तेमाल करते हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ऐसे लोगों को जानकारी देने के लिए तमिलनाडु में विशेष आरोग्य-वायस काल सेवा शुरू की गई है। वहां 9499912345 पर कोई भी व्यक्ति मिस्ड कॉल देकर कोरोना के बारे में जानकारी हासिल सकता है। यही नहीं, इसमें कोई व्यक्ति अपने कोरोना से संदिग्ध व्यक्ति के संपर्क में आने और अपनी जांच करने के लिए भी कह सकता है।

रविशंकर प्रसाद के अनुसार इसके अलावा माईगोव और एनडीएमए की पहल पर लगभग एक लाख 18 हजार व्यक्ति और 4,482 संगठनों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद करने के लिए खुद को तैयार बताया है और इसके लिए पंजीकृत कर चुके हैं। जरूरत पड़ने पर सरकार इनकी सेवाएं ले सकती हैं।


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