इमरान खान ने गिनाई 4 बुराइयां, लेकिन पाक की सबसे बड़ी 'समस्या' को किया नजरंदाज
ऐसा लगता है कि नया पाकिस्तान का सपना दिखाकर सत्ता पर काबिज होने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान को आतंकवाद कोई समस्या नहीं लगती।
नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या क्या है? शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे इस सवाल का जवाब नहीं पता होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक पाकिस्तान को इस समस्या के लिए आगाह कर चुके हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि 'नया पाकिस्तान' का सपना दिखाकर सत्ता पर काबिज होने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान को ये कोई समस्या नहीं लगती। शायद इसीलिए उन्होंने नए साल के संकल्प में इसे शामिल नहीं किया है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर बताया कि इस साल उन्होंने पाकिस्तान की किन समस्याओं को उखाड़ फेंकना का संकल्प किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'हमारा नववर्ष का संकल्प है देश की चार बुराइयों गरीबी, अशिक्षा, अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ जिहाद छेड़ना है। इंशाल्लाह 2019 पाकिस्तान के स्वर्ण युग की शुरुआत है।'
इमरान खान ने इस साल के संकल्प में गरीबी, अशिक्षा, अन्याय और भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कही, लेकिन आतंकवाद का उन्होंने जिक्र तक नहीं किया। पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद से पड़ोसी देश ही नहीं पूरा देश खौफजदा है डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की पनाहगाह कहा था। भारत भी पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कई बार चेतावनी दे चुका है। पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध बिगड़ने की सबसे बड़ी वजह आतंकवाद ही है। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कई बार साफ कर चुकी हैं कि पाकिस्तान के साथ तब तक वार्ता संभव नहीं है, जब तक सीमा पार से आतंकवाद पर लगाम नहीं लगती है। लेकिन ऐसा लगता है कि इमरान खान को आतंकवाद कोई समस्या लगती ही नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान एवं दक्षिण एशिया नीति की घोषणा करने के लिए टीवी पर प्राइम टाइम में प्रसारित अपने पहले संबोधन में आतंकी गुटों के समर्थन के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और पाकिस्तान सरकार को ऐसा जारी रहने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। पाकिस्तान को आतंकवाद को खत्म करने के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे। कुछ समय पहले भी ट्रंप ने कड़े लहजे में कहा था कि इस देश ने आतंकवाद के खिलाफ जंग में कुछ नहीं किया, बल्कि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन जैसे खूंखार आतंकी को अपनी सरजमीं पर पनाह दे रखा था, जिसने अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को हुए सबसे भीषण आतंकी हमलों की साजिश कर सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान ले ली थी।
पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर भी अमेरिका ने रोक लगा दी है, लेकिन इसके बावजूद इमरान खान को आतंकवाद समस्या नहीं लगती। ये बड़ी हैरानी की बात है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आतंकवाद के खिलाफ युद्ध को देश पर थोपा गया युद्ध करार देते हैं। उनका कहना है कि अपने देश के अंदर ऐसा कोई युद्ध नहीं लड़ेंगे। इमरान का यह बयान परोक्ष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला था जो बार-बार आरोप लगाते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान ने अमेरिका की मदद नहीं की। इससे साफ जाहिर होता है कि इमरान भी यह नहीं मानते कि आतंकवाद पाकिस्तान के लिए बड़ी समस्या है। इसलिए उन्होंने संकल्प में इसे शामिल नहीं किया है।