स्वच्छता के लिए काम कर रही दामिनी से प्रभावित होकर युवा और महिलाएं भी उनकी टीम में शामिल
छात्रा ने बनाई टीम इसके सदस्य हफ्ते में एक दिन चौराहे स्कूल या जलस्नोतों की करते हैं सफाई।
नईदुनिया, राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के एक छोटे से गांव बैरागीभेड़ी की दामिनी साहू को आज आसपास के गांवों के लोग सफाई दीदी के नाम से पहचानते हैं। स्वच्छता के लिए काम कर रही दामिनी से प्रभावित होकर युवा और महिलाएं भी उनकी स्वच्छता टीम में शामिल हो गईं हैं। प्लास्टिक मुक्त गांव वाली उनकी मुहिम करीब सालभर से चल रही है। इसका नतीजा ये है कि बैरागीभेड़ी में शायद ही आपको कहीं पॉलीथिन नजर आए।
दामिनी की टीम गांव के चौराहों, स्कूल के आसपास और जलस्नोतों की सफाई के अलावा लोगों को स्वच्छता का पाठ भी पढ़ाती है। करीब डेढ़ हजार की आबादी वाले छुरिया ब्लॉक के गांव बैरागीभेड़ी में आधे से कम लोग ही शिक्षित हैं, लेकिन दामिनी के स्वच्छता अभियान में सबकी सहभागिता है। सफाई की शुरुआत दामिनी ने गांव में अपने पिता के होटल से की। डस्टबिन रखा होने के बाद भी लोग नाश्ते की प्लेट आदि आसपास ही फेंक देते थे।
मना करने पर भी जब लोग नहीं माने तो एक दिन खुद होटल के आसपास के अलावा दामिनी ने अपनी बहन
दुर्गेश्वरी के साथ गांव के प्रमुख स्थानों की सफाई की। उसके बाद जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू किया गया यह काम एक अभियान में बदल गया। इसके बाद ‘नई सोच युवती मंडल’ का गठन किया गया।
टीम में ज्यादातर छात्राएं: दामिनी की टीम में ज्यादातर कॉलेज की छात्राएं, महिलाएं और कुछ युवक शामिल हैं। सप्ताह में एक दिन स्कूल परिसर, चौराहों और जलस्नोतों की अनिवार्य रूप से सफाई की जाती है। पॉलीथिन को इकट्ठा कर गड्ढों में पाट दिया जाता है। टीम को जोड़े रखने के लिए नेहरू युवा केंद्र और ग्राम पंचायत की मदद से पौधारोपण, महिलाओं के बीच खेलकूद, सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण जैसे कामों में भी सहभागिता की जा रही है। छात्रा ने बनाई टीम, इसके सदस्य हफ्ते में एक दिन चौराहे, स्कूल या जलस्नोतों की करते हैं सफाई।