सेना की कैंटीन में अब नहीं मिलेंगे आयातित उत्पाद, विदेश से आयात सामान की बिक्री पर रोक
सेना के अधिकारियों जवानों और पूर्व सैनिकों को रियायती दर पर यह सामान उपलब्ध कराया जा रहा था। जानकारी के अनुसार 19 अक्टूबर को सरकार ने एक आदेश जारी कर सेना की कैंटीन से विदेशी सामान की बिक्री पर रोक लगा दी।
नई दिल्ली, रायटर। केंद्र सरकार ने सेना की कैंटीन में विदेश से आयात किए गए सामान की बिक्री पर रोक लगा दी है। सरकार का यह आदेश देश की चार हजार से अधिक सैन्य कैंटीन पर लागू होगा। अभी तक सेना की कैंटीन से आयातित शराब, इलेक्ट्रानिक उपकरण और अन्य वस्तुओं की बिक्री हो रही थी। सेना के अधिकारियों, जवानों और पूर्व सैनिकों को रियायती दर पर यह सामान उपलब्ध कराया जा रहा था।
जानकारी के अनुसार 19 अक्टूबर को सरकार ने एक आदेश जारी कर सेना की कैंटीन से विदेशी सामान की बिक्री पर रोक लगा दी। आदेश में कहा गया कि इस मुद्दे पर सेना, नौसेना और वायुसेना के साथ मई से जुलाई के बीच बातचीत की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किए गए अभियान के तहत सेना की कैंटीन से विदेशी सामान की बिक्री रोकने का निर्णय लिया गया।
इस आदेश में हालांकि किसी खास उत्पाद का उल्लेख नहीं है लेकिन समझा जाता है कि विदेशी शराब की बिक्री पर रोक लग सकती है। इंस्टीट्यूट फार डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस के अनुसार सेना की कैंटीन से बिकने वाले कुल सामान में आयातित सामान औसतन छह से सात फीसद तक होता है।
नौसेना में शामिल हुआ आइएनएस कवरत्ती
सेना प्रमुख एमएम नरवाने ने गुरुवार को विशाखापत्तनम में देश में बनी पनडुब्बी रोधी युद्धपोत (एएसडब्ल्यू) आइएनएस कवरत्ती को नौसेना में शामिल किया। आइएनएस कवरत्ती परियोजना 28 के तहत स्वदेश निर्मित चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों में आखिरी है। इसको नौसेना के अपने संगठन नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा डिजाइन किया गया है और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता द्वारा बनाया गया है। जहाज को सभी समुद्री परीक्षणों में सफल रहने के बाद नौसेना में शामिल किया गया है। आइएनएस कवरत्ती में अत्याधुनिक हथियार और सेंसर सूट हैं, जो पनडुब्बियों का पता लगाने और उन पर उचित कार्रवाई करने में सक्षम हैं।