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तंबाकू उत्पादों पर नई चेतावनी का अमल अभी भी चुनौती

तंबाकू उत्पादों पर बड़ी चेतावनी का नियम लागू होने के एक हफ्ते से ज्यादा बीत जाने के बावजूद देश के अधिकांश हिस्सों में इसका पालन नहीं हो रहा है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 08 Apr 2016 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 08 Apr 2016 09:27 PM (IST)
तंबाकू उत्पादों पर नई चेतावनी का अमल अभी भी चुनौती

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तंबाकू उत्पादों पर बड़ी चेतावनी का नियम लागू होने के एक हफ्ते से ज्यादा बीत जाने के बावजूद देश के अधिकांश हिस्सों में इसका पालन नहीं हो रहा है। इस लिहाज से सिर्फ महाराष्ट्र ने सख्ती दिखाई है और एक ही दिन के छापों में 273 करोड़ रुपए के तंबाकू उत्पाद जब्त कर लिए हैं। इन हालात को देखते हुए अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ना सिर्फ सभी राज्य सरकारों को बल्कि केंद्रीय एजेंसियों को भी पत्र लिख कर इस नियम का पूरा अमल करवाने को कहा है।

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राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के बाद एक अप्रैल से स्वास्थ्य मंत्रालय का नया नियम लागू हो चुका है। इसके मुताबिक बीड़ी, सिगरेट सहित सभी तंबाकू उत्पादों के पैकेट के दोनों तरफ 85 फीसदी हिस्से में सचित्र चेतावनी छापना जरूरी है। इसके लिए चित्र भी मंत्रालय ने तय कर दिए हैं। इसके बावजूद देश के लगभग सभी हिस्सों में पुराने नियमों वाले तंबाकू उत्पाद ही बिकते देखे जा सकते हैं।

यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों के बाहर भी इस नियम का खुले आम उल्लंघन हो रहा है। इस लिहाज से महाराष्ट्र जरूर अपवाद है, जहां खाद्य और औषधि प्रशासन के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने तंबाकू विरोधी कार्यकर्ताओं की अपील पर जोरदार कार्रवाई की। यहां सोमवार को एक ही दिन में राज्य के प्रमुख शहरों से 273 करोड़ के ऐसे उत्पाद बरामद कर लिए गए। इसके बाद भी यह कार्रवाई करने की तैयारी में है।

इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय के तंबाकू नियंत्रण डिवीजन ने भी कार्रवाई को जरूरी बताया है। इसके बाद मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों के साथ ही केंद्र के राजस्व, वाणिज्य, विदेश, श्रम, नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्रालयों सहित विभिन्न एजेंसियों को पत्र लिख कर इसका पालन करवाने का अनुरोध किया है।

इसमें कहा गया है कि देशवासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नई चेतावनी को लागू करवाना सभी एजेंसियों के लिए बहुत अहम है। इसने खास तौर पर सीमा और उत्पाद शुल्क बोर्ड को कहा है कि वह फील्ड में काम करने वाले अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके लिए जागरुक करे। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि एक अप्रैल के बाद फैक्ट्रियों से निकल रहे ऐसे सभी उत्पादों पर ये चेतावनी तय रूप में मौजूद हो। साथ ही आयातित उत्पादों पर भी इसका होना जरूरी है।

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