बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर बन रहा कम दबाव का क्षेत्र, इन इलाकों में 23 नवंबर से बढ़ेगी बारिश की गतिविधियां
आने वाले दिनों में देश के कुछ हिस्सों पर मौसम की तगड़ी मार एकबार फिर पड़ सकती है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। अरब सागर के दक्षिणी मध्य भागों पर भी एक डिप्रेशन बनने वाला है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। आने वाले दिनों में देश के कुछ हिस्सों पर मौसम की तगड़ी मार एकबार फिर पड़ सकती है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने मौसम विभाग के हवाले से बताया है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में अगले 48 घंटों के दौरान कम दबाव का क्षेत्र बनने वाला है। वहीं मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट वेदर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अरब सागर के दक्षिणी मध्य भागों पर भी एक डिप्रेशन जल्द बन जाएगा।
मौसम विभाग की मानें तो बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र अगले 48 घंटों में तेज होकर 25 नवंबर तक श्रीलंका और दक्षिण तमिलनाडु तट की ओर बढ़ेगा। इसके तमिलनाडु और पुदुचेरी तट पर भी पहुंचने की संभावना है। रही बात अरब सागर के दक्षिणी मध्य भागों पर बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र की तो यह पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए भारतीय तटों से दूर निकल जाएगा।
निजी एजेंसी स्काइमेट वेदर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिणी पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र जल्द ही निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा। इसके असर से 23 नवंबर से बारिश की गतिविधियां तमिलनाडु के तटीय भागों में बढ़ेंगी। रिपोर्ट के मुताबिक, 24 और 25 नवंबर को तमिलनाडु के तटवर्ती जिलों में अधिकांश जगहों पर मूसलाधार बारिश हो सकती है। यही नहीं 23 और 24 नवंबर को श्रीलंका में भारी बारिश होने की संभावना है।
वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ ने मौसम विभाग के हवाले से बताया है कि दक्षिण बंगाल के जिलों में रविवार हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है। इससे तापमान कम होता जाएगा। इस बीच देश में कड़कड़ाती ठंड का सिलसिला शुरू हो गया है। राजस्थान के माउंट आबू में रात का न्यूनतम तापमान गिर कर एक डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं दिल्ली एनसीआर में अक्टूबर की ठंड ने 58 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा तो अब नवंबर में दशकों का रिकॉर्ड टूट रहा है।