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IMA Scam Case: कर्नाटक के पूर्व मंत्री रोशन बेग हुए गिरफ्तार, सीबीआइ ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

आइएमए घोटाला मामले में कर्नाटक के पूर्व कांग्रेस मंत्री और पूर्व विधायक रोशन बेग को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है ।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 08:56 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:30 AM (IST)
IMA Scam Case: कर्नाटक के पूर्व मंत्री रोशन बेग हुए गिरफ्तार, सीबीआइ ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
पूर्व मंत्री आइएमए घोटाले में हैं शामिल

बेंगलुरु, एजेंसियां। कर्नाटक में कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री रोशन बेग को सीबीआइ ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी करोड़ों रुपये के आइ-मॉनेटरी एडवायजरी (IMA) पोंजी घोटाला मामले में हुई है। यह जानकारी जांच एजेंसी के सूत्रों ने दी। उन्होंने कहा कि बेग को सुबह सीबीआइ कार्यालय में पेश होने के लिये कहा गया था। जांच एजेंसी ने पूछताछ के बाद ठोस सुबूतों के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बेग कांग्रेस विधायक थे, जिन्हें अयोग्य करार दिया गया था।

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सूत्रों ने कहा कि शिवाजी नगर से पूर्व विधायक बेग को अदालत के समक्ष पेश किया गया। वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आइएमए और इसके समूह की कंपनियों ने करोड़ों रुपये की पोंजी स्कीम चलाई थी। इसमें कथित रूप से निवेश के इस्लामिक तरीकों का इस्तेमाल कर ऊंचे रिटर्न देने का वादा कर लाखों लोगों को ठगा गया था।

रोशन बेग पहले भी हो चुका है गिरफ्तार

बता दें कि 2019 में इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम ने मामले में अपना नाम रोशन बेग को शामिल करने के बाद हिरासत में लिया था। मुख्य आरोपी मोहम्मद मंसूर खान और आइएमए के मालिक ने एक वीडियो में आरोप लगाया था कि रोशन बेग ने उससे पैसे निकाले थे।

यूट्यूब पर वीडियो अपलोड होने के बाद रोशन बेग को SIT ने हिरासत में ले लिया था, क्योंकि उसने एक निजी चार्टर प्लेन से किसी विदेशी देश में जाने की कोशिश की थी। एसआइटी ने आरोप लगाया था कि बेग देश से भागने की कोशिश कर रहा था। जब 2019 में घोटाला सामने आया था, तो तत्कालीन राजस्व मंत्री आर.वी. देशपांडे ने कहा था कि रोशन बेग ने उन्हें उस साल जुलाई में मंसूर खान से मिलवाया था।

यह है पूरा मामला

गौरतलब है कि आइएमए का यह घोटाला 2018 में सामने आया था जिसमें कंपनी ज्यादा ब्याज का लालच देकर मासिक योजना, शिक्षा योजना, विवाह योजना जैसी विभिन्न पोंजी योजनाओं के लिए गैरकानूनी तरीके से लोगों से धन एकत्रित कर रही थी। जब रिटर्न देने का समय आया तो मंसूर खान दुबई फरार हो गया था। उसे पिछले साल 19 जुलाई को प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। 


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