पर्यावरण कानून के उल्लंघन पर भरना होगा भारी जुर्माना
पर्यावरण कानून का उल्लंघन करने पर अब भारी भरकम जुर्माना भरना पड़ेगा। सरकार पर्यावरण कानून में बदलाव करने जा रही है जिसके बाद जुर्माना कई गुना बढ़ जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्यावरण कानून का उल्लंघन करने पर अब भारी भरकम जुर्माना भरना पड़ेगा। सरकार पर्यावरण कानून में बदलाव करने जा रही है जिसके बाद जुर्माना कई गुना बढ़ जाएगा। खास बात यह है कि नए प्रावधान के तहत निर्णायक अधिकारी (एडुजुकेटिंग ऑफिसर) कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगा सकेगा। फिलहाल अधिकारियों को जुर्माना लगाने की शक्ति नहीं है, इसके लिए अदालत जाना पड़ता है।
पर्यावरण मंत्रालय संसद के आगामी सत्र में इस संबंध में एक विधेयक पेश करेगा जिससे पर्यावरण कानून 1986 और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कानून में संशोधन होगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार इस विधेयक में सिविल पेनाल्टी की राशि मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये तक करने जा रही है। नए प्रावधानों के तहत एक निर्णायक अधिकारी (एडुजुकेटिंग ऑफिसर) नियुक्त किया जाएगा जिसे पर्यावरण कानून के उल्लंघन के मामलों में दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार होगा।
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साथ ही एडुजुकेटिंग अथॉरिटी भी बनाई जाएगी जो 20 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगा सकेगी। हालांकि जुर्माने की राशि पर्यावरण कानून के उल्लंघन की गंभीरता और व्यापकता पर निर्भर करेगी। इस अथॉरिटी में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी होंगे। अगर कोई व्यक्ति अथॉरिटी के निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो वह एनजीटी में शिकायत कर सकेगा।
प्रस्तावित बदलावों की खासियत यह है कि बड़े क्षेत्रफल में गंभीर रूप से पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के मामलों में आजीवन कारावास तक की सजा भी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण कानून के मौजूदा प्रावधानों के तहत सरकार को सिविल पेनाल्टी लगाने का अधिकार नहीं है। इसके लिए अदालत जाना पड़ता है।
जुर्माने की तीन श्रेणी
नए नियमों के तहत जुर्माने की तीन श्रेणियां होंगी। पहली श्रेणी के तहत अगर कोई कंपनी पांच किलोमीटर क्षेत्र में प्रदूषण फैलाती है तो उस पर पांच से 10 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया जा सकेगा। वहीं पांच से 10 किलोमीटर की परिधि में नुकसान पहुंचाने वाली कंपनी या संगठन पर 10 से 15 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकेगा। इसी तरह अगर 10 किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में पर्यावरण की क्षति हुई तो 20 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकेगा। वहीं पर्यावरण को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति या संगठन को सात साल की सजा हो सकती है। अगर मामला अति गंभीर है तो आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।